गुजरात-चुनाव से पहले हो सक्ती है समान नागरिक संहिता लागू

RJ NEWS

गुजरात सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, आज कैबिनेट बैठक में गुजरात सरकार इस संबंध में प्रस्ताव ला सकती है। कहा जा रहा है कि उत्तराखंड की तर्ज पर राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के लिए एक समिति बनाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनेगी। इस संबंध में गृह राज्य मंत्री दोपहर में कैबिनेट के बाद आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। इससे पहले उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

जानकारी  अनुसार गुजरात कैबिनेट यूनिफॉर्म सिविल कोड के कार्यान्वयन के सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तहत उकराखंड की तरह एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश करेगी।

वर्तमान में विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून काफी हद तक उनके धर्म द्वारा शासित होते हैं। पर्सनल लॉ वे हैं जो लोगों को उनके धर्म, जाति, आस्था और विश्वास के आधार पर नियंत्रित करते हैं।

समिति सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी जिसके आधार पर यूसीसी के क्रियान्वयन पर निर्णय लिया जाएगा। उत्तराखंड ने यूसीसी के कार्यान्वयन के तरीकों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया है।

समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। यह व्यक्तिगत कानूनों को पेश करने का प्रस्ताव करती है जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होंगे, चाहे उनका धर्म, लिंग, जाति आदि कुछ भी हो। यूसीसी अनिवार्य रूप से कानूनों के एक सामान्य समूह को संदर्भित करता है और इसका उद्देश्य विवाह, तलाक, गोद लेना, उत्तराधिकार और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करना है।

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