नई दिल्ली -भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित का सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को आखिरी दिन है। वे छह अहम मामलों में फैसला सुनाएंगे। वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनकी जगह आठ नवंबर को ही दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।
सामान्य वर्ग के आर्थिक गरीब को 10 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं, इस पर जस्टिस ललित फैसला देंगे। यह आरक्षण संविधान में 103 वां संशोधन के जरिये लाया गया है। इस संशोधन एक्ट, 2019 से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में उपबंध 6 को जोड़ा गया। इसे असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दूसरा फैसला आम्रपाली आवासीय योजना के खरीदारों को फ्लैट दिलवाने या उनका पैसे देने पर है। शेष चार फैसले सामान्य हैं
जस्टिस ललित का कार्यकाल 72 दिनों का रहा। जिस निर्णय के लिए जस्टिस ललित अधिक जाने जाएंगे वह है रजिस्ट्री को दुरुस्त करना, केसों के सूचीबद्ध करने की व्यवस्था में परिवर्तन और कोलेजियम की कार्यशैली में पारदर्शिता लाना। उन्होंने कोलेजियम के फैसले सार्वजनिक किए जो अब तक नहीं किए जा रहे थे। केस को नए सिरे से सूचीबद्ध करने का कुछ मौजूदा जज ने खुली कोर्ट में विरोध भी किया और कहा कि नई प्रणाली से उन्हें नए केसों की सुनवाई का समय नहीं मिल पा रहा है।
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