हरियाणा उपचुनाव आदमपुर सीट पर कांग्रेस की हार ने एक बार फिर से पार्टी में घमासान मचा दिया है। कुछ महीने पहले हुड्डा कैंप के दबाव के चलते प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने को मजबूर हुईं कुमारी शैलजा ने मोर्चा खोल दिया है। दलित नेता शैलजा ने हुड्डा कैंप पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव में प्रचार की कमान तो एक ही परिवार के हाथ में थी।
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में ऐसा लगा कि एक ही परिवार चुनाव लड़ रहा है। कांग्रेस कहीं से भी राष्ट्रीय पार्टी जैसी नहीं दिखी, जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। उनका बयान हार के ठीक एक दिन बाद सामने आया। आदमपुर सीट के उपचुनाव की कमान भूपिंदर सिंह हु़्ड्डा और उनके बेटे दीपेंदर हुड्डा के हाथों में थी। कैंडिडेट भी हुड्डा कैंप के जयप्रकाश को बनाया गया था।
कुमारी शैलजा ने कहा, ‘चुनाव में उम्मीदवार सेलेक्शन से लेकर प्रचार तक में ऐसा लगा कि यह एक परिवार का मसला है। पूरी पार्टी कहीं नहीं दिखी। खट्टर सरकार से लोग नाराज हैं, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस को हार मिली तो इसकी वजह यही रही है।
बता दें कि कुमारी शैलजा से अध्यक्ष के तौर पर इस्तीफा लेकर हाईकमान ने हु्ड्डा कैंप के नेता उदयभान को मौका दिया था। यही नहीं हुड्डा को महत्व मिलने से नाराज होकर ही कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने का फैसला लिया। उन्हीं के इस्तीफे से खाली आदमपुर सीट से उनके बेटे भव्य बिश्नोई को भाजपा के टिकट पर जीत मिली है।
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