आइआइटी कानपुर की रिसर्च में बड़ा खुलासा : हिमालयन रेंज में भूकंप से हो सकती है बड़ी तबाही

आइआइटी कानपुर के प्रो. जावेद मलिक ने बताया कि वह और उनकी टीम लंबे समय से भूकंप को लेकर अध्ययन कर रही है। इसमें भारत के लिए एक तरह की चिंताजनक स्थिति बन रही है। अगर लोग सोच रहे हैं कि भारत में नेपाल की तरह बड़े भूकंप नहीं आएंगे तो वह गलत हैं।
प्रो. मलिक के अनुसार, ‘इस बार नेपाल में आए भूकंप का केंद्र पश्चिमी नेपाल है, जो भारत से बिल्कुल सटा हुआ है। यही कारण है कि इस बार नेपाल के भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर तक देखने को मिला।’ प्रो. मलिक ने तीन बिंदुओं में बताया कि उनके अध्ययन में क्या बातें सामने आई हैं?
भारत के हिमालयन रेंज में बड़े भूकंप की आशंका
हिमालयन रेंज यानी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बड़ा भूकंप आ सकता है। इसकी तीव्रता 7.8 से 8.5 के बीच रह सकती है। यह बड़ा खतरा है। इससे हम मुंह नहीं मोड़ सकते हैं।
भूकंप के समय में प्रवेश कर चुका है भारत
अब सवाल उठता है कि भारत में कब तक इस तरह का भूकंप आ सकता है? इसका जवाब देते हुए प्रो. मलिक ने बताया, ‘हम लोग (भारत) भूकंप की साइकिल जोन में पहले से ही प्रवेश कर चुके हैं। मतलब हम लोग उस टाइमलाइन में दाखिल हो चुके हैं, जब कभी भी किसी भी वक्त उत्तराखंड और हिमाचल में भयावह भूकंप के झटके आ सकते हैं। हिमालय भी इस ओर इशारा कर रहा है। हिमालय अभी पूरी तरह से शांत बैठा है। ये तूफान के आने से पहले वाली शांति है।
 उत्तराखंड-हिमालय में आए भूकंप का असर पूरे उत्तर भारत में दिखेगा
प्रो. मलिक कहते हैं, जब भी उत्तराखंड या हिमाचल में भूकंप के झटके आएंगे, तब उसका असर पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलेगा। फिर समतल जगह ही क्यों न हो। वहां भी गंभीर असर होगा। उत्तराखंड में खासतौर पर गढ़वाल और कुमायूं वाले इलाके ज्यादा रेड जोन में हैं। ये इलाके भूकंप के केंद्र हो सकते हैं।

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