बाघपत:बड़ौत-छपरौली मार्ग पर जान को हथेली पर रखकर छात्र व यात्री सफर करने को मजबूर हैं, लेकिन न तो इस ओर रोडवेज विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और ना ही पुलिस प्रशासन व प्रशासनिक अधिकारी। वही समस्या को लेकर यात्रियों में आक्रोश पनप जा रहे हैं।लोग बस की छतों पर बैठकर व पीछे लटककर मलकपुर, सिनौली, आर्दश नंगला, शबगा, बदरखा, ककौर, कुर्डी,छपरौली, टांडा सहित कई स्थानों के लिए सफर करते हैं। इसमें ज्यादातर नौजवान व छात्र होते हैं, जो बस की छतों पर बैठ कर सवारी करना अपनी शान समझते हैं।ट्रैफिक नियमों को धता बताकर सड़कों पर प्रतिदिन ऐसी कई बसें दौड़ रही हैं।
आए दिन सड़कों पर इस तरह कि दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।यात्रियों में मनोज कुमार, अनिल, पंकज कुमार, अखिलेश सहित कई लोगों ने बताया कि यह एक दुर्भाग्य है कि लोग बस की छत पर बैठकर खतरों के साथ यात्रा करते हैं। रोडवेज प्रशासन को भी इस ओर पहल करने की जरूरत है। इन बस में हालत यह है कि जितनी सवारी बस के अन्दर बैठी होती है लगभग उतनी ही सवारी वह बस के ऊपर बैठा कर चलते हैंं।
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