अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी से मरीजो को हो रही दिक्कतें, घंटो लगना पड़ता है लाइन में…………………

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। उन्हें इलाज कराने के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ रही है। इसी बीच डेंगू के मामले बढ़ने से समस्या और बढ़ गई है। ऐसे में चिकित्सकों की कमी नई मुसीबत बन सकती है। हालांकि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. लिली सिंह कहती हैं कि जितने डॉक्टर हैं, उनसे अस्पताल को बेहतर तरीके से संचालित किया जा रहा है।
दरअसल, सरकारी अस्पतालों के 190 चिकित्सकों ने जून में हुए स्थानांतरण के बाद से अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इनमें से कुछ चिकित्सक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं तो कुछ दाम्पत्य नीति के तहत स्थानांतरण रद्द करने मांग कर रहे हैं। ऐसे में वे अस्पताल जाने के बजाय शासन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
इस मामले में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. लिली सिंह का कहना है कि डॉक्टरों का पूरा विवरण शासन को भेजा जा चुका है। स्थानांतरण शासन स्तर से होगा। गौरतलब है कि जून में 2400 से अधिक चिकित्सकों का स्थानांतरण हुआ था। इसको लेकर हुए बवाल के बाद कुछ चिकित्सकों का स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया। वहीं बड़ी संख्या में चिकित्सक अभी भी विभिन्न कारणों से अपना स्थानांतरण निरस्त होने का इंतजार कर रहे हैं।

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