वाहन खरीदते समय रखना होगा ध्यान, पार्किंग प्लेस भी जरूरी

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ 

मध्य प्रदेश

भोपाल। शहरों में बढ़ते वाहनों की संख्या को देखते हुए मप्र सरकार जल्द पार्किंग नीति लागू करेगी। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। इसमें प्रदेश भर में भविष्य के लिए पार्किंग की व्यवस्था करने की रणनीति बनाई गई है। इसके तहत शहरों में जितनी मंहगी जमीन होगी, उसी आधार पर पार्किंग शुल्क तय किया जाएगा। वाहन खरीदते समय ग्राहक को उसके पास गाड़ी खड़ा करने के लिए पर्याप्त स्थान भी बताना होगा। यातायात व्यवस्था बाधित न हो इसके लिए पार्किंग स्थल के 75 मीटर के दायरे में कोई आटो और बस स्टाप नहीं होगा। 100 वाहनों से अधिक के पार्किंग स्थल बनाने के लिए नगरीय निकायों को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी।

राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति के तहत मप्र सरकार ने पार्किंग नीति बनाई है। इसमें सड़कों के किनारे लगने वाली पार्किंग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। बहुमंजिला भवन बनाते समय पार्किंग के लिए स्थान आरक्षित भवन अनुज्ञा के ले आउट में निजी पार्किंग के लिए स्थान सुनिश्चित किया जाएगा। मप्र सरकार पार्किंग स्थलों से राजस्व बढ़ाने की नीति पर काम कर रहा है। ऐसे में निजी वाहनों के लिए निश्शुल्क पार्किंग का चलन खत्म होगा। नगरीय निकायों के पास मद की कमी होने से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पीपीपी मोड पर मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।

पार्किंग स्थलों में महिला एवं दिव्यांग के लिए अलग से स्थान आरक्षित रहेगा। बड़े पार्किंग स्थलों में इनके वाहन खड़ा करवाने के लिए कुशल कर्मचारी तैनात रहेंगे।

पार्किंग नीति लागू होने के साथ ही इसके लिए एक एप्लीकेशन भी बनाई जाएगी। बिना पार्किंग वाले स्थानों पर गाड़ी खड़ा करने पर कोई व्यक्ति उसका फोटो खींचकर एप में अपलोड करता है तो अपने आप वाहन चालक का चालान कट जाएगा। इससे जो भी राजस्व प्राप्त होगा, उसे पार्किंग व्यवस्था को और बेहतर करने में लगाया जाएगा।

नीति में इस बात पर जोर दिया गया है कि लोगों को पार्क एंड राइड की सुविधा मिल सके। यानी घर से बाजार या कार्यस्थल तक जाने पर बस स्टाप या मेट्रो स्टेशन के पास ही वाहन पार्क हो सके। वहीं अतिआवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल, फायर स्टेशन और बिजली कार्यालयों के प्रवेश व निकासी द्वार से 20 मीटर दूर ही पार्किंग बनाई जाएगी, जिससे यातायात प्रभावित न हो।

– भरत यादव, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय

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