बिना रजिस्ट्रेशन के मेरठ में चल रहा है न्यू यशोदा हॉस्पिटल

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संवाददाता पप्पी चौधरी मेरठ

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ संवाददाता मेरठ में जबकि सीएमओ अखिलेश मोहन ने हॉस्पिटल को 7/10/ 2022 को हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया था। जैसे ही हमारे पत्रकारों को सूचना मिली तो हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्होंने अपना कैमरा हॉस्पिटल की ओर घुमाया तो हॉस्पिटल पर उपस्थित डॉक्टर नवीन त्यागी, डॉक्टर हरीश गिरी व डॉक्टर अंकुर उपाध्याय बोलने लगे कि हमारे हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन हो रहा है और हमारा आप कुछ नहीं बिगाड़ सकते। जबकि सूत्रों के अनुसार हमें पता चलता है कि न्यू यशोदा हॉस्पिटल को 7 10 2022 को नष्ट कर दिया गया था। अब सामने कुछ ऐसा भी आया। कि यह हॉस्पिटल पहले श्री यशोदा के नाम पर चलाया गया था। उस समय पर सही उपचार ना मिलने की वजह से सिकंदर की मां की मृत्यु हो गई थी जो निवासी गोकुल विहार कॉलोनी गढ़ रोड में रहने वाले हैं उसके बाद जब हॉस्पिटल पर कार्रवाई होने के डर से हॉस्पिटल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। हमारे पत्रकारों ने सच को जानते हुए कुछ और खोज की। तो अब वही हॉस्पिटल न्यू यशोदा के नाम से खुला हुआ है अब वहा वहां पता चला कि एक और मरीज को नहीं वहां पर सही उपचार ना मिलने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई है जिसका नाम पूनम पति परमिट कुमार निवासी अच्छी खुद मवाना थाना पर किला परीक्षितगढ़ मेरठ के निवासी हैं परमिट ने बताया कि हमारी ही बिरादरी का एक डॉक्टर महा पर है जिसका नाम डॉ अंकुर उपाध्याय है उसने हमसे कहा कि आप हमारे यहां पर पूनम को ले आओ हम इनकी पित्त की थैली की पथरी का ऑपरेशन सही करके इन्हें आप कल घर ले जाना परिजनों ने खर्चा पूछा तो डॉक्टर अंकुर उपाध्याय ने 40000 रुपए का खर्चा बता दिया और कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है मैं इसी हॉस्पिटल में डॉक्टरी करता हूं।अब आरोप है की हमारे पत्रकारों ने परिजनों से पूछा तो परिजनों ने बताया की डॉ अंकुर उपाध्याय ने मेरे से 20000 अकाउंट में वह 20000 काउंटर पर जमा कराएं। और परिजनों ने कहा कि उसके बाद भी हमारी पूनम को इस अस्पताल में डॉ अंकुर उपाध्याय के होने के बावजूद भी 6 दिन तक सही उपचार नहीं मिला वह उसकी छठे दिन मौत हो गई। तब परिजनों को पता चला तो उनका रो रो कर बुरा हो गया। हमारे पत्रकार सीएमओ साहब वह डीएम साहब से गुजारिश करते हैं की बिना डिग्री के बैठे डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई कराई जाए और इन हॉस्पिटलों को प्रतिबंधित करा जाए इस हॉस्पिटल में 1 साल के अंदर 3 लोगों की मौत हो गई है।

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