भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले की आज 21वीं बरसी है। आतंकवादियों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हमला किया था। संसद पर हुए हमले के 21 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी इस कायराना आतंकवादी हमले की यादें भारतीयों के दिलो-दिमाग में ताज हैं। 21 साल पहले आज ही दिन के हुए इस हमले में नौ जवान शहीद हुए थे, जिसमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान शामिल थे। वहीं, हमला करने वाले सभी पांच आतंकी भी मारे गए थे।इस अवसर पर उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने मंगलवार को संसद परिसर में शहीद जवानों को श्रद्धांजिल अपर्ति की और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया।
13 दिसंबर 2001 की सुबह संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका था। विपक्षी सांसद ताबूत घोटोले को लेकर कफन चोर, गद्दी छोड़… सेना खून बहाती है, सरकार दलाली खाती है, के नारे लगाकर राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा काट रहे थे।एक आतंकी संसद भवन के गेट पर ही खुद को बम से उड़ा लेता है। आतंकवादियों ने एंबेसडर कार पर गृह मंत्रालय का स्टीकर भी लगा रखा था।इस आतंकी हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु और शौकत हुसैन समेत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। 12 साल बाद नौ फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फांसी दे दी गई थी।
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