दवंगों ने किया पत्रकार की जमीन पर जबरन कब्जा

विरोध करने पर दलित उत्पीड़न में फंसाने की धमकी

राष्ट्रीय जजमेन्ट फर्रुखाबाद:- पत्रकारों पर अत्याचार काम होने का नाम नहीं ले रहा है और इस तरफ प्रशासन व सरकार भी ध्यान नहीं दें रही है। इसी प्रकार जिले में एक नया मामला प्रकाश में आया है।पत्रकार की जमीन पर कब्जा करने वाले दबंग दलितों ने विरोध करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी है। जिससे सवर्णों में जबरदस्त रोष व्याप्त हो गया है।

सूत्रों से प्राप्त विवरण के अनुसार नवाबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम कक्योली निवासी पत्रकार दीपचंद दीक्षित, बदले शाक्य, श्रीपाल शाक्य, बेचेलाल सागर के मिले हुए खेत हैं। सह खातेदारों ने जमीन में करीब एक देढ माह पूर्व खेत में गेहूं की फसल बोई है। बीते दिनों गांव के दबंग दलितों ने गेहूं की फसल के बीच में मेड़ डालकर जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया और गेहूं की फसल को बर्बाद कर कर दिया। पीड़ित ग्रामीणों ने जमीन पर कब्जा किए जाने की शिकायत की, तो दलितों ने एक राय होकर पीड़ित के साथ गाली गलौज किया और मारपीट करने पर आमादा हो गए। इसी दौरान दलितों ने खेत से कब्जा हटाए जाने पर झूठे मुकदमों में फंसाए जाने की धमकी दी है।

पीड़ित पत्रकार दीपचन्द दीक्षित ने कायमगंज के उप जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि मैं ग्राम पंचायत की गाटा संख्या 944, 737,7036, 993 रखवा 1.214 हेक्टेयर भूमि का सह खातेदार हूं। क्षेत्रीय लेखपाल पवन कुमार व कानूनगो राम सिंह की सह पर गांव के दबंग दलित पुत्तूलाल व उनके बेटे मोनू अंकित राघबेंन्द्र ने गेहूं की खड़ी फसल के बीचोबीच में मेड़ डालकर जमीन पर कब्जा कर लिया है। हजारों रुपए कीमती गेहूं की फसल बर्बाद कर दी है। एस.डी.एम. ने पीड़ित पत्रकार को जांच कराकर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।

इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर कानूनगो राम सिंह ने बताया कि पड़ोसी खातेदार पुत्तू लाल ने पूर्व में खाता नम्बर 940 रकबा 648 ईयर भूमि की मेड़बन्दी कराई थी। पैमाइस का आदेश मिलने पर मैं खेत की नाप करने गया था। पुत्तूलाल सड़क की ओर जमीन चाहते थे तो मैंने साफ कह दिया कि नक्शे के मुताबिक ही जमीन की पैमाइश की जाएगी और उसी तरह मैंने जमीन की नाप कर दी थी। बाद में पता चला कि पुत्तूलाल ने आगे बढ़ाकर खेत में मेड डाली है। अब पैमाइश के दौरान गलत डाली गई मेड़ को हटवा कर सही स्थान पर मेड़ डलवा दूँगा, जिससे किसी का नुकसान न हो सके।

*वरिष्ठ पत्रकार विक्रान्त सिन्हा की रिपोर्ट,*

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