इस कार्यक्रम में ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी लगभग तीन सौ बाल कीर्तनियों द्वारा प्रस्तुत किए गए ‘शबद कीर्तन’ में भी शामिल हुए.’वीर बाल दिवस’ कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि शौर्य की परकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती. वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है? देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है? वीर बलिदान दिवस हमें बताएगा कि भारत क्या है? भारत की पहचान क्या है?
उन्होंने कहा, “औरंगजेब के आतंक के खिलाफ गुरु गोबिंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे, लेकिन ज़ोरावर सिंह साहब और फ़तेह सिंह साहब, जैसे कम उम्र के बालकों से औरंगबेज और उसकी सल्लतन की क्या दुश्मनी हो सकती थी. दो निर्दोष बालकों को दीवार में जिंदा चुनवाने जैसी दरिंदगी क्यों की गई.””वो इसलिए क्योंकि औरंगबेज और उसके लोग गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों का धर्म तलवार के दम पर बदलना चाहते थे. जिस राष्ट्र में उसकी नई पीढ़ी जोर जुर्म के आगे घुटने टेक देती है उसका आत्मविश्वास और उसका भविष्य अपने आप मर जाता है.”
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