सीतापुर: मिल के जिम्मेदार व पुलिस की मिलीभगत के चलते गन्ना दलाल किसानों से बेहद कम कीमतं पर गन्ना खरीद रहे हैं। किसान भी मजबूर हैं, जो उनके हाथों गन्ना बेचने को मजबूर हैं।गन्ना किसानों का कहना है कि किसानों की गन्ने से भरी ट्राली कि दलालों द्वारा बोली लगाई जाती है, उसके बाद में गन्ना बिक जाता है। किसानों की फसल खून पसीने की कमाई ओने पौने दामों में दलालों द्वारा खरीदा जाता है। गन्ना माफिया चीनी मिल से सटे टोकन, गन्ना कांटा के समीप फुटकर गन्ना भी खरीद कर ट्राली लोड करते हैं। किसानों का कहना है फुटकर गन्ना खरीदने का कार्य रामगढ़ चौकी प्रभारी के संरक्षण में फलफूल चल रहा है।यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताते हैं किसान मिल में गन्ना बेचने आते हैं, जिन किसानों का गन्ना 2 कुंटल या तीन कुंटल निर्धारित तौल से उपर का बच जाता है। वह गन्ना दलालों के द्वारा 100, 150 रूपए कुंतल वहीं पर खड़े दलालों द्वारा खरीद लिया जाता है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि वह गन्ना पुनः चीनी मिल में किस तरह से सप्लाई किया जाता है। कैसे इन दलालों की पर्ची जारी हो जाती हैं।बेबस किसान इन्हीं दलालों के हाथों गन्ना बेचने को मजबूर है। जहां चीनी मिल परिसर में खुलेआम गन्ना दलाल हावी हैं, वहीं चीनी मिल के जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।वही इस सम्बन्ध गन्ना महा प्रबन्धक यू के पाठक से बात की गयी तो उन्होंने ने बताया की जो रामगढ़ चीनी मिल में दलालो के द्वारा गन्ना खरीदारी के सम्बन्ध में जिलाधिकारी सीतापुर को मेरे द्वारा पार्थना पत्र दिया गया है।
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