उत्तराखंड: जोशीमठ में जमीन का धंसाव स्थानीय लोगों की परेशानियां लगातार बढ़ा रहा है।उधर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की जोशीमठ आपदा को लेकर रिपोर्ट रहस्यमय तरीके से गायब हो गई है। रिपोर्ट में इसरो ने कहा था कि जोशीमठ में जमीन का धंसाव तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 7 महीने में 9 सेमी जमीन धंस गई। इतना ही नहीं 12 दिनों में 5 सेमी जमीन धंसी। जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर प्रकाशित रिपोर्ट अब नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। इस मामले में इसरो की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।जोशीमठ में भू-धंसाव स्थानीय लोगों के साथ सूबे की भाजपा सरकार के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गई है।
बर्फबारी और झमाझम बारिश के बीच लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। सरकार के सामने 600 से ज्यादा परिवारों को विस्थापित करने की बड़ी चुनौती है।इसरो ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले 12 दिनों में जोशीमठ में भू-धंसाव 5.4 सेमी हुआ है। यह रिपोर्ट 27 दिसंबर 2022 से 8 जनवरी 2023 के बीच अध्ययन के बाद सामने आई थी। इसरो ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि पिछले 7 महीनों में जोशीमठ में भू-धंसाव 9 सेमी तक हुआ है। इसरो की रिपोर्ट सामने आने बाद जोशीमठ आपदा को लेकर बवाल बढ़ने की संभावनों के बीच एनआरएससी की वेबसाइट पर से ही रिपोर्ट रहस्यमय तरीके से गायब हो गई है। पीडीएफ रिपोर्ट का लिंक अब काम नहीं कर रहा है। हालांकि इस बारे में इसरो की तरफ से अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
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