स्वामी प्रसाद मौर्य को धर्म पर उंगली उठाना महंगा पड़ा,

RJ NEWS

स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर पार्टी में ही घिर गए हैं। सपा ने खुद को उनके बयान से अलग कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा, “आस्था पर सवाल नहीं होते, चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हो। रामचरित मानस पर सवाल उठाना गलत है।” वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता मनोज पांडेय ने कहा, “रामचरितमानस आस्था का केंद्र है।”
उधर, UP बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मौर्य को मानसिक विक्षिप्त बताया। अपर्णा यादव ने भी उनके बयान को निकृष्ट मानसिकता करार दिया। अयोध्या में भी साधु-संत और हिंदू संगठन हमलावर हैं। उन्होंने हिंदुओं से मौर्य के बहिष्कार की मांग की है। वहीं, अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने हजरतगंज थाने में मौर्य के खिलाफ केस दर्ज करने की तहरीर दी है। इसके अलावा सीतापुर में भी मौर्य के खिलाफ तहरीर दी गई है। आगरा में स्वामी प्रसाद की शव यात्रा निकाल कर विरोध किया गया।
भूपेंद्र चौधरी ने मौर्य पर पलटवार करते हुए कहा, “इस तरीके का बयान कोई विक्षिप्त आदमी ही दे सकता है।
अपर्णा ने कहा, “राम के बारे में ऐसे शब्द कहना निकृष्ट मानसिकता है। ऐसी बात करना किसी भी राजनेता को शोभा नहीं देता ।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अयोध्या के साधु-संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हर हिंदू को स्वामी प्रसाद मौर्य का बहिष्कार करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा, “कुछ लोग चौपाई का अर्थ समझ नहीं पाते हैं, वो अपने हिसाब से मतलब लगा लेते हैं।

‘रामचरित मानस बकवास, बैन लगना चाहिए,. सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। :सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य’

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान का अयोध्या के साधु-संतों ने भी जमकर विरोध किया है।

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