हरिद्वार: चर्चित मुस्लिम फंड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी मुस्लिम फंड संचालक अब्दुल रज्जाक और उसके दो साथियों नसीम उर्फ मुन्ना व मसरूर निवासी ग्राम सराय हरिद्वार को गिरफ्तार कर लिया है मुस्लिम फंड के नाम पर करोड़ों रुपए की बल्लेबाजी का मामला हाल ही में सामने आया था उत्तराखंड के हरिद्वार के ज्वालापुर में संचालित मुस्लिम फंड के संस्थापक अब्दुल रज्जाक पर बल्लेबाजी का आरोप लगाते हुए वसीम निवासी इब्राहिमपुर खाताधारकों की ओर से 21 जनवरी को मुकदमा दर्ज कराया था पुलिस की जांच और आरोपियों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए थे ।
बताया गया है कि इस्लाम में ब्याज की मान्यता को आधार बनाकर स्थापित किए गए मुस्लिमों से बिना ब्याज करोड़ों रुपए जमा कराए गए लेकिन मुस्लिम फंड खुद बैंक में पैसे के लेनदेन कर ब्याज वसूली करता था इतना ही नहीं मुस्लिम फंड में काले धन को सफेद करने का भी खेल चल रहा था इसीलिए कई सफेदपोश लोगों का पैसा भी जमा होने की बात सामने आई है वही मामले की शुरुआत में ही आरोपी अब्दुल रज्जाक के खुद किसी जालसाजी शिकार होने के कयास लगाए जा रहे थे ।
जानकारी है कि काले धन को सफेद करने की एवज में 20 करोड़ का फायदा होने का ऑफर देकर मुस्लिम फंड के खाते से डेढ़ करोड़ की निकासी की बात भी सामने आई है फंड में जमा रकम के आधार पर इधर-उधर किए गए पैसे और संपत्ति की खरीद-फरोख्त को देखते हुए पुलिस ने 23 बैंक खातों को सील कराने के साथ-साथ आरोपियों और उनके निकट संबंधों की संपत्ति की जांच कर रही है इसमें उनका लालच बढ़ता गया ।
इस दौरान रजाक के एक अनुसार निवासी संभल नामक परिचित से परिचय मुंबई निवासी साजिद हुआ साजिद ने उन्हें लंदन में एक अपने परिचित से 1000 करोड़ रुपए दान दिलाने की बात कही थी डील यह थी कि 1000 करोड़ के काले धन को रजाक संस्था के माध्यम से सफेद कर 80 करोड वापस करेगा जबकि 20 करोड़ मिलेंगे बताया गया है कि इसके लिए उसने ₹3 करोड़ दिए जो वापस नहीं मिले इसके अलावा 1000 करोड़ के पुराने नोटों को बदलने के फेर में तीन करोड़ कमाए गए जिसके बाद रज्जाक के सामने भागने के अलावा कोई चारा नहीं बचा इन सब तथ्यों की जांच पुलिस कर रही है !
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