सुस्त निर्माण कार्य ने कानपुर एयरपोर्ट से रोक रखी है उड़ाने

विमानन कंपनियों को रोकनी पड़ीं अपनी सेवाए

RJ news

राष्ट्रीय जजमेंट कानपुर नगर आपको बता दें चकेरी के मवइया में एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण की सातवीं समय सीमा भी इस माह खत्म होने जा रही है। इसमें सिर्फ तीन दिन बाकी हैं, इसके बावजूद टैक्सी लिंक और लिंक रोड का काम पूरा नहीं हो पाया है। काम की इस सुस्त गति का परिणाम है कि विमानन कंपनियों की ओर से प्रदेश के अन्य शहरों के लिए उड़ान का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।

तुलनात्मक रूप से देखें तो गोरखपुर और प्रयागराज में एयरपोर्ट संचालन के एक साल के अंदर ही एक दर्जन से ज्यादा विमान सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, जबकि कानपुर से सिर्फ चार। इसकी वजह यह है कि यहां विमानों के आवागमन और रोकने के लिए व्यवस्था ही नहीं। नई टर्मिनल बिल्डिंग का शुभारंभ होने के बाद ही यह सुविधा मिल सकती है। कानपुर एयरपोर्ट से कोलकाता, बेंगलुरू, अहमदाबाद और हैदराबाद के लिए विमान सेवा संचालित हो रही थी लेकिन एप्रन की कमी और एयरपोर्ट की मौजूदा बिल्डिंग की क्षमता कम होने के चलते विमानन कंपनियों को यह सेवा बंद करनी पड़ी।

दरअसल मौजूदा एयरपोर्ट की यात्री क्षमता 150 है और एप्रन में एक वक्त में एक ही विमान खड़ा हो सकता है। ऐसे में यदि एक समय में दो विमान आते हैं तो एक विमान को या तो रनवे पर खड़ा रखा जाता है या फिर उसे आसमान में चक्कर लगाने पड़ते हैं। यही कारण है कि ये चारों विमान सेवाएं धीरे-धीरे बंद हो गईं। नई टर्मिनल बिल्डिंग शुरू होते ही ये चारों विमान सेवाएं फिर शुरू हो सकती हैं।

यह है मौजूदा स्थिति
टर्मिनल बिल्डिंग से रनवे तक विमानों को लाने व ले जाने के लिए टैक्सी लिंक का काम अब भी अटका हुआ है। रनवे से टर्मिनल बिल्डिंग के बीच एयरफोर्स की चहारदीवारी बाधा बनी हुई है। इसके दोनों ओर टैक्सी लिंक के लिए सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। अब बीच की दीवार को तोड़कर दोनों हिस्सों को जोड़ा जाना है। वहीं, एयरपोर्ट को प्रयागराज हाईवे से जोड़ने के लिए बन रहे लिंक रोड का काम भी अधूरा है। पहले कोहरे और अब वर्षा के कारण सड़क पर बिटुमिन (ऊपरी सतह) डालने का काम प्रभावित हुआ है। यह काम पीडब्ल्यूडी कर रहा है।

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