नसीरुद्दीन ने फिर कहा- देश में जुल्म और नफरत का माहौल

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नई दिल्ली। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरा है।
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के वीडियो में नसीर ने लोगों से अपील की है कि वे नए साल पर संविधान के मूल्यों के लिए खड़े हों।
उन्होंने कहा कि आज देश में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच चल रहा है और जो लोग इनके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उनकी आवाज छापे मारकर और अकाउंट सील कर दबाई जा रही है।
नसीर एमनेस्टी के एम्बेसडर हैं। कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बेंगलुरु स्थित ऐमनेस्टी इंटरनेशनल के दफ्तर पर छापेमारी मारी की थी। नसीरुद्दीन का यह बयान बुलंदशहर हिंसा पर उनकी प्रतिक्रिया के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता होती है।
नसीरुद्दीन ने अबकी बार मानव अधिकार’ हैशटैग के साथ वीडियो शेयर कर पूछा, ‘‘क्या ऐसे ही देश का सपना देखा था?’ संविधान का मकसद देश के हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और सियासी इंसाफ देना था।’’
नसीर के बयान पर अभिनेता इमरान हाशमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी जो सोच रहा हूं उसे व्यक्त करने में सक्षम हूं।
मुझे लगता है कि हमारे देश में बोलने की स्वतंत्रता है, मैं विवाद से थोड़ा अनभिज्ञ हूं। इसलिए, उस पर बोलना मेरे लिए थोड़ा गैर-जिम्मेदाराना होगा।’’
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि भारत में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। भारत में लोकतंत्र है। मैं नसीरुद्दीन शाह जी का सम्मान करता हूं, वह एक महान कलाकार हैं, वह जो कहना चाहते हैं वही कह रहे हैं।’’

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