बदायूं:जिला अस्पताल में तैनात स्टाफ का मानवता को झकझोर देने वाला कृत्य सामने आया है। जिला अस्पताल में दवा लेने आई बेसहारा बुजुर्ग महिला को स्टाफ ने इलाज की सुविधा मुहैया कराने की बजाय इमरजेंसी वार्ड के एक कमरे में बंद कर दिया। भूख-प्यास से वृद्धा तीन दिन तक तड़पती रही।तीन दिन बाद किसी तरह मामला डीएम तक पहुंचा तो उन्होंने सीएमओ को मौके पर भेजा। सीएमओ ने ताला खुलवाकर वृद्धा को बाहर निकलवाया। इसके बाद सीएमओ की निगरानी में उसका इलाज शुरू किया गया है। वृद्धा भूख-प्यास के साथ ही इलाज के लिए बंद कमरे में तड़पती रही।
वह शौच करने के लिए भी चीखती रही, लेकिन उस पर किसी को दया नहीं आई। मजबूरी में महिला ने बंद कमरे में ही शौच कर ली। वह उल्टी भी करती रही इससे कमरे से दुर्गंध आने लगी। तीन दिन बाद सोमवार को उस कमरे से दुर्गंध आने के साथ ही वृद्धा की चीखपुकार कमरे के बाहर तक निकली तो किसी ने इसकी वीडियो बनाकर डीएम मनोज कुमार को भेज दी। वीडियो देखते ही डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने सीएमएस डॉ. विजय बहादुर को फोन किया तो पता चला कि सीएमएस बाहर हैं।सीएमओ डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि डीएम को किसी ने वृद्घा के कमरे में बंद होने की सूचना दी थी। डीएम के निर्देश पर हमने वृद्घा को कमरे से निकलवाकर उनका इलाज शुरू कराया। स्टाफ को चेतावनी दी गई है।
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