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न्यू दिल्ली ,राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के अन्तर्गत पूर्वोत्तर राज्य के 30 प्रतिनिधियों का जेएनयू में आयोजित हुए ‘नागरिक अभिनंदन समारोह’ में भव्य स्वागत हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ‘अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन’ के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ में भाग ले रहे 30 युवा प्रतिनिधियों का आज जेएनयू में ‘नागरिक अभिनंदन समारोह’ में भव्य स्वागत किया गया।
बताते चले कि बीते 03 फरवरी की देर शाम को पूर्वोत्तर के प्रतिनिधि दिल्ली पहुंचे। जिनका जेएनयू आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। पश्चात अगले दिन दिल्ली दर्शन हेतु कुतुब मीनार और अक्षरधाम मंदिर की यात्रा कराई गई। साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर और आईआईटी के डायरेक्टर ने प्रतिनिधियों का औपचारिक अभिनंदन किया। वहीं प्रतिनिधियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के साथ मुलाकात की। जहां रिजिजू ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उनके एकात्मता यात्रा के अनुभव जाने।
मंचासिन अतिथियों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, जेएनयू में प्रोफ़ेसर और जेएनयू के रेक्टर सतीश चन्द्र गारकोटी, स्वागत समिति के अध्यक्ष संजय जैन, प्रमोद कुमार, भागवत सिंह, डांगपानलू मिनिन, हितोलू स्वू, आर. ललुआतपूई एवं सिद्धार्थ परासर उपस्थित रहें।
गौरतलब हो कि सन् 1966 से” अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद” द्वारा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं को अन्य राज्यों से सांस्कृतिक आदान प्रदान कराने के उद्देश्य से “अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन” (सील) की शुरुआत की गई थी। प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली इस यात्रा में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। इसी प्रकार से भारत के अन्य राज्यों के युवा प्रतिनिधि उसी वर्ष में सील यात्रा के अन्तर्गत पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करते हैं।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य डांग पांग सांग्लू ने बताया कि कैसे इस प्रतिनिधिमंडल का नाम पा तोंगन संगमा नाम पर पड़ा जो की पूर्वोत्तर भारत के अज्ञात नायक रहें और 1842 में वो शहीद हो गए।
जेएनयू के प्रोफ़ेसर और जेएनयू के रेक्टर सतीश चन्द्र गारकोटी ने कहा, “में दस साल पूर्वोत्तर में अध्यापन और शोध कार्य किया, मेरा काम फॉरेस्ट इकोलॉजी पर था और जंगलों में जाना गांव में जाना मेरे काम का हिस्सा था। पूर्वोत्तर के गांव और जंगल में देर होने पर मुझे हमेशा स्वागत सत्कार के साथ शरण मिली है। इसलिए आज दिल्ली में आया पूर्वोत्तर का यह प्रतिनिधि मंडल मेरे परिवार का ही हिस्सा लग रहा है। यह देश एक है, हम विविधता में एकता बनाए रखेंगे तभी यह देश आगे बढ़ेगा।”
वहीं हितोलू स्वू ने कहा, “इतने भव्य और उत्साह पूर्ण अभिनंदन के लिए एबीवीपी जेएनयू एवं एबीवीपी दिल्ली को धन्यवाद ज्ञापन किया और साथ ही उन्होंने कहा कि यह अनुभव जीवन भर मेरे साथ रहेगा मैं पहली बार दिल्ली आया और यह शानदार रहा। मुझे आईआईटी जाना नसीब हुआ और साथ ही साथ हम दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस गए और वहां के डायरेक्टर से मिले। हमारे लिए यह एक बहुत सुखद अनुभव रहा। वहां हमें इतनी सुविधाएं नहीं मिलती कहीं नई चीजें देखने और सीखने को मिली है।”
कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि “कैसे राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ कि शुरुवात हुई। उन्होंने बताया कि सील किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं है। यह सत्य को जानने के लिए उसके शोधन के लिए है। मेरा देश एक है उसके लिए उसकी अनुभूति करनी होगी। मैं इस देश को एक संस्कृति मानता हूं और उसके लिए उसका भ्रमण जरूरी है। आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और उसी क्रम में हमने यात्रा के लिए गटों का नाम उसके नाम पर रखा है जो देश की स्वाधीनता के नाम पर न्योछावर हो गए। सील एक पूरा उत्सव है जो देश के विविधता में एकता का उत्सव मनाने के लिए आगे बढ़ रहा है।”
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