लखनऊ-खिड़की से चिल्लाती रही मां और 15 साल के बेटे ने लगा ली फांसी

सआदतगंज के कटरा विजन बेग में रुमिका तिवारी के 15 साल के बेटे आयुष्मान तिवारी ने उनकी आंखों के सामने ही फांसी लगा ली। वह खिड़की से चीखती-चिल्लाती रहीं और बेटे को रोकती रहीं, लेकिन उसने एक न सुनी।पुलिस ने घरवालों के अनुरोध पर बिना पोस्टमार्टम सिर्फ पंचनामा कर बच्चे का शव उन्हें सौंप दिया।
रुमिका तिवारी के पति राजेश तिवारी की मौत हो चुकी है। वह दो बेटों आयुष्मान व अंशुमान के साथ कटरा विजन बेग में रह रही थीं। रविवार रात को रुमिका घरेलू काम कर रही थीं और दोनों बेटे कमरे में टीवी देख रहे थे।छोटा बेटा अंशुमान टीवी पर छोटा भीम देख रहा था तो आयुष्मान चैनल बदलने लगा।
इसी बात पर दोनों में झगड़ा हो गया और आयुष्मान ने अंशुमान को दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए। इसके बाद अंशुमान को कमरे से बाहर निकालने लगा। रुमिका ने झगड़े की आवाज सुनी तो कमरे में पहुंच गईं और आयुष्मान की हरकत देख उसे एक थप्पड़ मार दिया। इससे वह नाराज हो गया।

उसने मां का मोबाइल लिया और कमरे को अंदर से बंद कर लिया। रुमिका को लगा कि वह नाराज है, कुछ देर में खुद दरवाजा खोल देगा। कुछ देर बाद वह दरवाजे पर दस्तक देने लगीं, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इस पर रुमिका ने खिड़की से झांककर देखा तो अंदर आयुष्मान फंदा बना रहा था। वह खिड़की से चिल्लाते हुए उसे रोकने लगीं, लेकिन वह नहीं माना।

 प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज सिद्धार्थ मिश्रा के मुताबिक रुमिका ने शोर मचाया तो आसपास के लोग जुट गए। कमरे का दरवाजा लोहे था, इसलिए तोड़ नहीं पाए। इसके बाद पड़ोसियों ने गैस सिलिंडर से दरवाजे पर कई वार किए तो दरवाजा टूट गया। आनन-फानन आयुष्मान को फंदे से उतार कर ट्रॉमा सेंटर ले गए |
जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत की खबर सुनते ही रुमिका बदहवाश हो गईं। पड़ोसियों ने उन्हें किसी तरह संभाला। रुमिका ने पुलिस से पोस्टमार्टम न कराने की गुहार लगाई। इस पर ट्रॉमा सेंटर चौकी प्रभारी ने उच्चाधिकारियों से बातचीत कर शव का पंचनामा कर रुमिका को सौंप दिया।

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