यूजीसी द्वारा स्नातक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम की पहल अभिनंदनीय: अभाविप

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट: भावेश पीपलिया

नई दिल्ली: पर्यावरण क्षरण एवं जABVP लवायु परिवर्तन एक गंभीर वैश्विक समस्या है जिसके प्रति युवा पीढ़ी को सजग किया जाना आवश्यक है। स्नातक स्तर पर पर्यावरण विषय का अधिक प्रभावी पाठ्यक्रम निश्चित ही युवाओं को पर्यावरणीय स्थिति तथा मूल्यों के प्रति जागरूक करने वाला होगा। यूजीसी के इस ड्राफ्ट पर छात्रों, अध्यापकों एवं अन्य हितधारकों के मध्य चर्चा से इसे और अधिक प्रभावी करेगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्नातक स्तर के लिए पर्यावरण शिक्षा हेतु नवीन एवं अधिक प्रभावी पाठ्यक्रम की रूपरेखा का ड्राफ्ट जारी करने संबंधी पहल का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया हार्दिक अभिनंदन। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप यह शिक्षा संबंधी कदम महत्वपूर्ण है।

विकासार्थ विद्यार्थी के राष्ट्रीय संयोजक राहुल गौड़ ने कहा कि,”छात्रों तथा युवाओं को अभाविप की गतिविधि ‘विकासार्थ विद्यार्थी’ के द्वारा पर्यावरण संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से जागरूक किया जा रहा है। विकासार्थ विद्यार्थी की ‘नर्मदा अध्ययन यात्रा’, ‘वृक्ष मित्र अभियान’, पर्यावरण संगोष्ठियां, ‘सागर स्वच्छता अभियान’, ‘अपशिष्ट प्रबंधन,जल‌ संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा आदि पर शैक्षणिक परिसरों में रचनात्मक कार्यक्रमों’ आदि के माध्यम से अभाविप पर्यावरणीय मूल्यों के प्रति युवाओं को सजग करने का निरंतर कार्य कर रही है।”

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, ” यूजीसी के पर्यावरण संबंधी पाठ्यक्रम से स्नातक स्तर पर छात्र पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक हो सकेंगे, साथ ही पर्यावरण विषय के विशेषज्ञ अभ्यर्थियों हेतु अधिक संख्या में नए रोजगार का सृजन भी होगा।वर्तमान में विभिन्न विश्वविद्यालयों में परास्नातक स्तर पर पर्यावरण विषय के पाठ्यक्रम संचालित है और स्नातक स्तर पर सभी विषयों के साथ एक अनिवार्य विषय के रूप में पर्यावरण विषय पढ़ाया जाता है। पर्यावरण संबंधी पाठ्यक्रमों को नई स्थितियों के साथ अद्यतन किया जाने से युवाओं में पर्यावरण को लेकर बेहतर समझ बनेगी।”

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