सर्वे: नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार, कामकाज से संतुष्ठ लोगों में आई गिरावट

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आगामी लोकसभा चुनाव को कुछ महीने ही बचे हैं। देश की दो प्रमुख पार्टी सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस तैयारी में जुटी हुई हैं। साल 2019 के शुरू होते ही एक बार फिर बड़ा और पुराना सवाल उठने लगा है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? इसे लेकर बहस और सर्वे होते रहे हैं। इस बीच एक और सर्वे सामने आया है। सर्वे में पीएम पद को लेकर आंकड़े सामने आए। जो भाजपा और पीएम मोदी को खुश होने का कारण दे सकते हैं।
2018 का आखिर बीजेपी के लिए मुश्किल रहा। दिसंबर 2018 मे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भाजपा से छिन गए। हालांकि बीते चुनाव में हार के बाद भी पीएम मोदी की लोकप्रियता बरकरार है। इंडिया टुडे-माय एक्सिस के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज डेटा के मुताबिक,
अभी भी दिल्ली के 49 प्रतिशत लोग आगामी लोकसभा चुनाव के बाद मोदी को ही पीएम बनते देखना चाहते हैं। अक्टूबर 2018 में भी सर्वे हुआ था। उस दौरान भी 49 प्रतिशत लोग ही मोदी को इस सर्वे में राहुल गांधी का भी जिक्र है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर भी सर्वे में आंकड़े सामने आए हैं।
पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज डेटा के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज हुई है। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर बीते साल अक्टूबर में 43 फीसदी लोग देखना चाहते थे। ताजा सर्वे में इस आंकड़े में कमी आई है। जनवरी 2019 में राहुल गांधी को दिल्ली के 40 परसेंट लोग ही पीएम पद पर देखना चाहते हैं।
ताजा सर्वे में पीएम मोदी और राहुल गांधी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी अगले प्रधानमंत्री के तौर पर रखा गया है। हालांकि यहां केजरीवाल की पॉपुलैरिटी में उछाल देखने को मिला है। अक्टूबर 2018 में हुए सर्वे में केजरीवाल को दिल्ली के सिर्फ 5 प्रतिशत लोग पीएम की कुर्सी पर बैठाना चाह रहे थे। लेकिन साल बदलने के साथ आंकड़ा भी बदल गया। अब जनवरी 2019 में तीन फीसदी के उछाल के साथ 8 परसेंट लोग केजरीवाल को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।
इसके साथ ही केंद्र के काम से दिल्ली के संतुष्ट लोगों के आंकड़े भी सामने आए हैं। हालांकि यहां बीजेपी के लिए थोड़ी चिंता करने की जरूरत है। अक्टूबर में 42 फीसदी लोग केंद्र के कामकाज से संतुष्ठ थे। लेकिन अब इसमें एक प्रतिशत की गिरावट आई है। जनवरी 2019 में 41 फीसदी लोग ही मोदी सरकार के काम से संतुष्ट हैं।
वहीं, मोदी सरकार और भाजपा लिए चिंता के लिए एक और कारण है। असंतुष्ट लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। अक्टूबर 2018 में 36 फीसदी लोग मोदी सरकार के काम से नाखुश थे जबकि अब जनवरी 2019 में 37 परसेंट लोग असंतुष्ट हैं। साथ ही पता नहीं कहने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। अक्टूबर की तुलना में अब जनवरी 2019 में 16 प्रतिशत लोग पता नहीं कह रहे हैं।

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