हिरम्मा विद्यालय बना तकनीकी रेल डिज़ाइन की शिक्षा एक्सप्रेस।

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राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

Report-सुमित सिंह

शिवहर /सीतामढ़ी :- तकनीकी का संबंध केवल मशीन या मशीन सम्बन्धी प्रत्ययों से नहीं है अपितु इनके बिना भी तकनीकी का प्रभावी प्रयोग हो सकता है।

मानव विकास के ऐतिहासिक अनुक्रम के प्रारंभिक समय काल में जब लेखन कला का प्रादुर्भाव नहीं हुआ था शैक्षणिक प्रक्रिया का स्वरुप व शिक्षण कार्य मौखिक प्रस्तुतीकरण पर ही पूरी तरह आधारित था। इस समय विद्यार्थी अच्छी तरह सुनने व सुने हुए ज्ञान को कंठस्थ करने एवं उसे पुनः चेतना में लाने व प्रस्तुत करने की अपनी क्षमता को बढ़ाने संबंधी उपायों की उपलब्ध तकनीकी का प्रयोग इसी कड़ी मे बिहार के शिवहर के प्रखंड तरियानी के हिरम्मा के रा.उर्दू मध्य विद्यालय मे तकनीकी का नया सवेरा देखने को मिला है रेल डिज़ाइन की पेंटिंग से बनी दीवारे जिसे शिक्षा एक्सप्रेस कहा जाता है।

उक्त इस विद्यालय मे शिक्षा तो बेहतरीन होती ही है उसके साथ स्वच्छता भी विशेष रहती है। इस शिक्षा एक्सप्रेस विद्यालय के हेड मास्टर सुधीर कुमार सिंह ने बताया की शिक्षा के साथ स्वच्छता को देखते एवं आज की वर्तमान तकनीकी को देखते हमने इस विद्यालय का पेटिंग ऐसा कराया है।

वही इस विद्यालय मे बच्चों में प्रतिभा तो है ही शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के अन्दर भी प्रतिभा दिखती है शिक्षिका नीतू सिंह चौहान जो एक लेखिका और कवयित्री है जो अपने काव्यों के माध्यम से बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देती है

इसलिए तकनीकी शिक्षा है। तकनीकी शिक्षा एक विशिष्ट प्रकार का शिक्षा रुप है

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