लखनऊ: प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह की एक और बच्ची ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।बालगृह की जांच के लिए पहुंची सीएमओ की टीम का दावा है कि मासूमों को ठंड से बचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। दिसंबर-जनवरी में उचित देखभाल न होने से बच्चे ठंड की चपेट में आ गए और उन्हें निमोनिया हो गया। सिविल अस्पताल प्रशासन का भी कहना है कि बच्चे गंभीर हालत में लाए गए थे। डीपीओ विकास सिंह ने पोस्टमार्टम करवाने के साथ मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है।
इसके साथ ही बालगृह अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तत्काल रिपोर्ट मांगी गई है। बालगृह की व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए दिनेश रावत को प्रभारी बनाया गया है। मामले में बालगृह प्रबंधन का कहना है कि बच्चियां गंभीर हालत में शिशुगृह लाई गई थीं।वहीं, दिसंबर में बालगृह लाई गई करीब 15 दिन की लक्ष्मी की तभी से तबीयत खराब चल रही थी। इस बीच उसका इलाज होता रहा। 23 जनवरी को दोबारा बुखार आने पर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। 11 फरवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
हालांकि, बच्चे क्यों नहीं बच पा रहे हैं, यह तो डॉक्टर ही बता सकेंगे। फिर भी बाल गृह में किस स्तर पर लापरवाही हुई है, इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल लाए गए थे। दो की हालत बेहद नाजुक थी, जिन्हें केजीएमयू भेजा गया था। अभी एक बच्चा भर्ती है। डॉक्टरों की टीम उस पर लगातार नजर बनाए है। इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं हुई है।
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