महिलाओं ने अपने जेवरों को छत से फेका, मौहल्ले के लोग हैरत में

आर जे न्यूज़

बदायूं के कादरचौक क्षेत्र के लोहाठेर गांव में बृहस्पतिवार को जिस वक्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने साहिल अजीज के ठिकाने पर छापा मारा, तो घर की महिलाओं ने अपने जेवर बचाने के लिए छत पर चढ़कर उन्हें पीछे फेंकना शुरू कर दिया। यह देखकर मोहल्ले के लोग भी अचरज में पड़ गए, लेकिन टीम को देखकर उनकी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई। बताया जा रहा है कि ये जेवर ईडी के हत्थे नहीं चढ़े हैं।

लोहाठेर गांव का साहिल अजीज करीब दस साल से फर्जी मदरसा चला रहा है। उसके मदरसों में सैकड़ों फर्जी बच्चे भी दर्ज हैं। यहां से बाकायदा उनकी छात्रवृति निकाली जा रही थी। अब तक मदरसा संचालक सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुका था। इससे वह कई गांवों में संपत्ति भी खरीद चुका है।

लखनऊ से प्रवर्तन निदेशालय की टीम बृहस्पतिवार दोपहर करीब दो बजे कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव लोहाठेर पहुंची। रैपिड एक्शन फोर्स और महिला टीम के साथ साहिल अजीज के घर पर छापा मारा। देर रात तक चली छानबीन के दौरान तमाम दस्तावेज कब्जे में लिए गए। कुछ नकदी भी जब्त होने की चर्चा है। टीम अभिलेखों में दर्ज मदरसा स्थलों पर भी गई, लेकिन वहां कोई मदरसा संचालित नहीं मिला।
भमुईया, गौरामई और रमजानपुर में भी जमीन खरीदी गई। दो जगह पर कुछ भवन भी बनवाए हैं, लेकिन वहां कभी पढ़ाई नहीं हुई। इन तमाम चीजों को देखते हुए संचालक का नाम सरकार की लिस्ट में शामिल हो चुका था। बृहस्पतिवार को ईडी ने उसके घर और प्रतिष्ठानों पर छापा मारा। इस दौरान उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। अब उसके खिलाफ लखनऊ स्तर से कार्रवाई तय मानी जा रही है।

पिछले साल प्रदेश स्तर से जिले में संचालित मदरसों की जांच कराई गई थी। इस दौरान 90 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले थे। हालांकि 214 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं। इनमें सबसे ज्यादा ककराला में 30, सहसवान में 26, बिसौली में 18, बिल्सी में पांच, सदर तहसील में 19 और दातागंज इलाके में 22 मदरसे हैं।

तीन साल पहले सिविल लाइंस थाने में छात्रवृति घोटाले के संबंध में एफआईआर दर्ज हुई थी। उसमें तमाम फर्जी मदरसा संचालकों और बैंक प्रबंधकों के नाम शामिल थे। चूंकि यह मामला काफी बड़ा था। इससे लखनऊ स्तर से इसकी जांच चल रही है।

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