भोजपुर में महाशिवरात्रि पर लाखों भक्तों ने शिव मंदिरों में किया जलाभिषेक

आर जे न्यूज़

एंकर – विजय शंकर ओझा, आरा भोजपुर, बिहार

महाशिवरात्रि के दिन महापर्व के अवसर पर भोजपुर जिले में स्थित शिवालयों में पूजा अर्चना और जलाभिषेक को लेकर आस्था और विश्वास का सैलाब उमड़ पड़ा।शनिवार की अहले सुबह से लेकर शाम तक शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक शिवालयों की तरफ आने जाने वाले रास्तों में स्त्री पुरुष बच्चे और बुजुर्गों की भारी भीड़ उमड़ी रही।
भोजपुर जिले के आरा शहरी क्षेत्र के बिंदटोली स्थित त्रेता युगीन सिद्धनाथ मन्दिर में भक्तों ने बड़ी संख्या पहुंचकर पूजा अर्चना और जलाभिषेक किया।इस मंदिर की धार्मिक मान्यता है कि ताड़का का वध करने के बाद प्रभु श्री राम और लक्ष्मण ने इस मंदिर में आकर पूजा की थी।त्रेतायुग में यह मंदिर गंगा नदी के बिल्कुल किनारे था और अब गंगा नदी यहां से मार्ग बदलकर दूर चली गई हैं।
श्री श्री 108 बाबा जागेश्वर नाथ बुढ़वा महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु आरा के महादेवा पहुंचे और महाशिवरात्रि पर पूजा अर्चना की।
भोजपुर जिले के मसाढ़ गांव के निकट द्वापरयुगीन कुंड़वा महादेव मंदिर में भी भारी संख्या में भक्तों एवं श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और यहां भी स्त्री,पुरुष और बच्चों ने पूजा अर्चना और जलाभिषेक किया।
इस मंदिर का इतिहास भी द्वापरयुग से है।भगवान शिव के परम भक्त राक्षसाधिराज सहस्त्राबाहु वाणासुर से जुड़ा हुआ है।यहां वाणासुर की नगरी थी और उनकी पुत्री उषा इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा करने आती थी।यहीं शिव और पार्वती ने उषा को विवाह और सुंदर वर प्राप्त होने का आशीर्वाद दिया था। द्वापर युग मे गंगा नदी के किनारे स्थित इसी इलाके में भगवान श्री कृष्ण और वाणासुर के बीच युद्ध भी हुआ था और युद्ध के उपरांत भगवान शिव के आशीर्वाद से वाणासुर अमर हो गया जबकि भगवान श्री कृष्ण के पोते प्रद्युम्न के साथ वाणासुर की पुत्री उषा का विवाह संपन्न हुआ था।

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