खोई पैर हुई असहाय 8 वर्षीय मासूम शिप्रा

पढ़ लिखकर कलेक्टर बनने की रखी है लालसा

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

report सुमित सिंह

कभी-कभी ऐसे आश्चर्यजनक और अविश्वसनीय मामले सामने आते हैं, जिन पर विश्वास नहीं होता और इन मामलों को जाने के बाद आँखे नम होजाती है ऐसा ही एक मामला सामने आया है बिहार के मुज़्ज़फ़्फ़रपुर के मीनापुर प्रखंड अंतर्गत ग्राम बनघारा की रहने वाली 8 वर्षीय मासूम शिप्रा जिसका बीते वर्ष 2018 दिनांक 31 माह दिसम्बर को बालू से भरी ट्रक से दुर्घटना होने के कारण शिप्रा ने अपने दोनों पैर खो दिए जिस कारण वह असहाय हो गयी।

असहाय शिप्रा के पिता शैल कुमार ने बताया की
दुर्घटना के बाद उसे इलाज के लिए मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच मे भर्ती कराया गया फिर वहाँ से दो दिन के बाद इलाज मे कुछ सुधार नहीं होने के कारण उसे पटना एम्स में भर्ती कराया गया लेकिन वहाँ से भी उन्हें निराशा मिली इलाज मे लाखो रूपये खर्च हो गए।

परिजनों मे दादी फूलबदन देवी ने बताया की शिप्रा के इलाज मे लाखो रूपये खर्च तो हुए ही उसके साथ हमारे घर की आर्थिक स्थिति ख़राब क्योंकि की उसके पिता की नौकरी भी चली गयी।

परिवार परिजनों मे शिप्रा की माँ अनीता कुमारी जो अपने नम आँखो से सरकार और भारत के मददगारो से मदद मांग रही है उसके 8 वर्षीय मासूम बेटी शिप्रा के लिए की कोई तो मददगार सामने आये जो शिप्रा के पैर लगवा दे।

असहाय शिप्रा जो अभी वर्ग यूकेजी मे पढ़ती है। और आगे कलेक्टर बनने की रखी है लालसा हाथ जोड़कऱ आग्रह कर रही मददगारो से कोई उसका पैर लगवा दे। और सरकार उसके पिता को कोई नौकरी दे जिसे उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक हो जाए।

अब देखना ये है की इस 8 वर्षीय असहाय शिप्रा।
के मदद के लिए कौन फरिस्ता बनकर सामने आते है।

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