महोबा: गाय के गोबर को हमारी भारतीय संस्कृति में हमेशा से अत्यधिक महत्व दिया गया है गांवों में तो आज भी किसी मांगलिक कार्य से पहले पूरे घर को गोबर से लिपा जाता है और पूजा के सफल उत्थान को लेकर काफी पवित्र भी माना जाता है। गौवंशो के गोबर की अलग थलग पहचान दिलाने के लिए गौ सेविका और गिरिजा महिला बाल विकास सेवा संस्थान की अध्यक्ष विनीता पांडेय ने गोबर की अनेको प्रतिभाओ को बनाकर दिखाया गोबर से बनने वाली अनेको किस्म की मूर्तियां और शील्ड जिनकी संख्या 201बताई गई है बड़े पैमाने में गोबर से बनी मूर्तियां और शील्ड को मुख्य अतिथियों को भेंट की जाती है।
बुंदेलखंड के महोबा जिले की लगभग 5 गौशालाओं में गौवंशो की सेवा कर रही विनीता पांडेय ने बताया है कि गाय के गोबर के इस उत्पाद से महिलाएं स्वाबलंबी बन सके और गौ माता की अर्थव्यवस्था को उनसे जोड़ा जा सके और गौ माता के प्रति कर्तव्य पालन किये जा सके उत्तर प्रदेश सरकार के अनेकों प्रयासों के बाद गौ माता को एक नई पहचान के रूप में गौशाला से लेकर खान पान जैसी अनेको सुविधाये मिली है लेकिन सरकार के साथ साथ हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि गौ माता की रक्षा से लेकर खान पान की जिम्मेदारी भी हम सबको उठाना है अध्यक्ष विनीता पांडेय ने यह भी बताया कि गौवंशो के लिए एक बहुत बड़ा अस्पताल भी खोलना है अस्पताल के अथक प्रयास किये जा रहे है।
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