लखनऊ:संत कुटी पलटू दास आश्रम में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण एवं रूद्र चंडी महायज्ञ के दौरान कथा व्यास प्रातः स्मरणीय परम पूज्य कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए।
शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजनो पर झूम झूम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई।
कथा में प्रसाद का पूरा इंतजाम यज्ञ आचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी ने बताया की एक दिन पहले से किया जा रहा है संयोजक खुशबू दिनेशानन्द पीठाधीश्वर संत कुटी पलटू दास आश्रम,आचार्य हरिशंकर शुक्ला पंडित सूरज शुक्ला आशुतोष शुक्ला देवेश मिश्रा नीरज तिवारी जय चंद कुशवाहा जगदीश यादव महंत राम उदय दास सहित कई लोगों ने पहुंचकर व्यासपीठ की पूजन कर महाराज जी का आशीर्वाद लिया। डॉ के.डी. त्रिपाठी ने महाराज श्री के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने भक्तों से कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का रसपान हर व्यक्ति को करना चाहिए।
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