मेरठ:मां..मैं तो तुम्हारा अंश थी। मुझे ऐसे मरने के लिए क्यों छोड़ दिया। आपने मेरे लिए नौ महीने दर्द सहे, फिर ऐसी क्या मजबूरी थी जो इस कदर अपने से जुदा कर दिया। यह पुकार लोहियानगर के डंपिंग ग्राउंड में शुक्रवार को मिली एक नवजात की है।रोजाना की तरह लोहिया नगर स्थित डंपिंग ग्राउंड में कुछ बच्चे कूड़ा बीन रहे थे। अचानक उन्होंने कूड़े के ढेर में एक बच्ची के रोने की आवाज सुनी। उन्होंने देखा कि आवाज एक बैग से आ रही थी। बैग खोला तो सभी अवाक रह गए। कपड़े में एक नवजात बच्ची लिपटी हुई थी।
सूचना पर पहुंची खरखौदा पुलिस ने बच्ची को एक निजी अस्पताल की नर्सरी में भर्ती कराया। पुलिस ने बच्ची का इलाज अपने खर्च पर कराया। चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची का जन्म 12 घंटे पहले हुआ है। लोगों ने बताया कि अगर कूड़ा बीनने वाले बच्चों को रोने की आवाज नहीं आती तो यहां पर मांस के लोथड़े की वजह से आने वाले भूखे कुत्ते उसको नोंचकर खा जाते।आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी देखी जा रही है। वहीं देर रात सीएमओ अखिलेश मोहन अस्पताल पहुंचे और बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
उन्होंने बताया कि बच्ची स्वस्थ है। एक तरफ जहां किसी परिवार ने बच्ची को मरने के लिए फेंक दिया, वहीं ऐसे लोग भी बड़ी संख्या में बच्ची को लेने पहुंच गए, जिनके बच्चे नहीं हैं। पुलिस चौकी पर पहुंचे ये लोग बच्ची को गोद लेने की इच्छा जाहिर जता रहे थे। हर किसी की जुबां से बस एक ही शब्द निकल रहा था कि कोई एक मासूम बच्ची के साथ ऐसा कैसे कर सकता है। समाज में इस तरह के मां-बाप हैं जो बेटी होने का दर्द इस रूप में बयान कर देते है। चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनीता राणा ने बताया कि बच्ची चिकित्सकों की निगरानी में है। लावारिश मिले बच्चों की पूरी देखभाल की जाती है।
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