होलिका दहन का सही समय जानने के लिए पढ़े

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

हिंदू धर्म में होली पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम से होली पर्व की शुरुआत हो जाती है। सबसे पहले शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन सुबह के समय रंग वाली होली धुमधाम से खेली जाती है। लेकिन इस वर्ष पूर्णिमा के दिन भद्राकाल के कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर उलझन है।

इस बार अनेक दुविधाओं के बीच होलिका दहन 07 मार्च को होगा और 8 मार्च को होली खेली जाएगी । पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर होगी और इसका समापन 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा। इसके साथ ही 6 मार्च को भद्रा की शुरुआत शाम 04 बजकर 17 मिनट पर हो जायेगी, जोकि 7 मार्च को प्रात: काल 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगी।क्योंकि भद्रा काल में होलिका दहन नहीं होता। इस काल में अगर होलिका दहन किया जाता है तो इसका काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए तिथि की भूमिका अहम हो जाती है। इसलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष काल में 7 मार्च को होलिका दहन
ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार 7 मार्च को होलिका दहन किया जायेगा। होलिका दहन प्रदोष काल में करना उत्तम होता है। यदि भद्रा पूँछ प्रदोष से पहले और मध्य रात्रि के पश्चात व्याप्त हो तो उसे होलिका दहन के लिये नहीं लिया जा सकता क्योंकि होलिका दहन का मुहूर्त सूर्यास्त और मध्य रात्रि के बीच ही निर्धारित किया जाता है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च दिन सोमवार को शाम 04.17 बजे प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 7 मार्च दिन मंगलवार को शाम 06.09 बजे होगा। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल में होलिका दहन होती है। ऐसे में इस साल होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को होगा। होलिका दहन के दिन 7 मार्च को भद्रा सुबह 5.15 बजे तक है। ऐसे में प्रदोष काल में होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा।

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