करोड़ पतियों पर रहम, गरीबों पर सितम ये कैसा खेल है सेक्रेटरी साब और प्रधान जी?

राष्ट्रिय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट देवेंद्र ठाकुर

सुलतानपुर। कहावत है कि अपनों पर रहम गैरों पर सितम,जो बिल्कुल सटीक बैठती है दूबेपुर ब्लाक के टिकरिया गांव में तैनात पंचायत सचिव अनीता श्रीवास्तव और प्रधान मंजू देवी पर जिन के ऊपर लगा है भ्रष्टाचार का आरोप।
पंचायतों में विकास कार्यों की जांच में कथित वित्तीय अनियमितताओं की परत लगातार खुल रही है। शासन की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति है। परंतु जिले की पंचायतों में शासन की नीती को पलीता लग रहा है। अधिकारियों की जांच में लाखों का कथित घपले सामने आ चुके है।शासन की विकास को लेकर ग्राम आधारित नीति है। इस पर लगातार काम हो रहा है। शासन से ग्राम पंचायतों के लिए विकास योजनाओं तय हो रही है। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भारी भरकम बजट आवंटित हो रहे हैं। वर्तमान में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, पंचायत घरों का निर्माण, प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प, सड़क निर्माण, पानी निकासी के लिए नाला निर्माण, विशेष साफ सफाई अभियान जैसे करीब एक दर्जन काम चल रहे हैं।
गांवों में विकास कार्य की निगरानी के लिए पंचायत सचिव, पंचायत सहायक, तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक नियुक्त हैं। ब्लॉकवार विकास कार्यों पर निगाह रखने के लिए एडीओ पंचायत नियुक्त हैं। ब्लॉक में विकास कार्य बीडीओ की निगरानी में होते हैं।
डीएम तथा सीडीओ के समक्ष ग्राम पंचायतों में विकास कार्य में कथित अनियमितताओं की शिकायत आती रहती है। शिकायतों की जांच गैर विभागीय जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ तकनीकी अधिकारियों से कराई जाती है।अधिकारियों की जांच में कथित घपले के मामले प्रकाश में आ रहे हैं।
ऐसा ही मामला सामने आया है दूबेपुर ब्लाक के टिकरिया गांव से गांव निवासी दिनेश, मनोज कुमार,आदि ने शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत में कुछ ऐसे लोगों को है जो अपात्र है फिर भी उन्हें आवास दिया गया और जो लोग पात्र हैं उनका नाम सूची से कटवा दिया गया है । ये आरोप कहीं न कहीं सही भी साबित होते हैं पीड़ितों ने कहा कि अगर अपात्रो से धन वापसी नहीं कराई गई और पात्रों को आवास नहीं मिला तो हम जिलाधिकारी से शिकायत करेंगे।
मजे की बात तो ये है कि जब कभी भी ऐसे भ्रष्टाचारी की शिकायत जिम्मेदारों से होती है उसके बचाव में कोई न कोई सत्ताधारी दल के नेता जी आ ही जाते हैं और दबाव बनाते हैं मीडिया पर फिलहाल यहां ऐसा कुछ नहीं होगा।

आखिर क्यों दिया गया है अपात्रो को सरकारी योजनाओं का लाभ
अपात्र व्यक्ति को क्यों दिया जाता है सरकारी योजनाओं का लाभ दरअसल ये खेल पंचायत सचिव ही खेलते हैं, अगर आप पात्र हैं और चढ़ावा चढ़ा दिया तो आप का काम पक्का हो गया, अन्यथा नहीं वही ग्राम पंचायत आरडीह में दर्जनों लोग ऐसे भी हैं जो अपात्र तो है ही साथ में सरकारी नौकरी भी है फिर भी उन्हें पात्र घोषित कर दिया है पंचायत सचिव अनीता श्रीवास्तव और प्रधान मंजू देवी ने।
वही सूत्र बताते हैं कि पंचायत सचिव प्रति व्यक्ति से मोटी रकम भी वसुलते है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस सम्बन्ध में जब नवागत डीपीआरओ अभिषेक शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी।

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