मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता में हुआ सुधार, तो स्कूलों में बढ़ी बच्चों की कतार

कलेक्टर की अनुकरणीय पहल लाई रंग, बच्चों को मिलने वाला एमडीएम रोज चखते हैं कलेक्टर

Rj news

कटनी। प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजना मध्यान्ह भोजन को सार्थक बनाने कलेक्टर कटनी द्वारा की गई अनुकरणीय पहल जिले में अपना प्रभाव छोड़ने में सफल होती दिख रही है। कलेक्टर अवि प्रसाद की इस पहल से जिले के विशेषकर शहर के शासकीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो बच्चों की बेहतर होती शिक्षा व्यवस्था के रूप में भी परिलक्षित हो रहा है।
*प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन का ही लंच कर रहे कलेक्टर*
कटनी जिले में अपनी पदस्थापना के साथ ही देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा लगातार नवाचार किए जा रहे हैं, जो अब अपना व्यापक रंग दिखा रहे हैं। कलेक्टर श्री प्रसाद के नवाचार से जिले की शिक्षा व्यवस्था काफी सुदृढ़ हुई है। इनमें से ही एक नवाचार है कलेक्टर द्वारा शहर के सरकारी स्कूलों में वितरित होने वाले मध्यान्ह भोजन को प्रतिदिन चखना। उल्लेखनीय है कि जिले में अपनी पदस्थापना के बाद पहले ही स्कूल भ्रमण में कलेक्टर श्री प्रसाद ने पाया था कि शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में वितरित होने वाला मध्यान्ह भोजन न तो रुचिकर था और न ही गुणवत्ता और पौष्टिक स्तर पर उपयुक्त । जिसके बाद मध्यान्ह भोजन वितरित करने वाली संबंधित एजेंसी को कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा नोटिस जारी कर ये व्यवस्था शुरू की गई, जिसके तहत अब कलेक्टर श्री प्रसाद बच्चों को वितरित होने वाला मध्यान्ह भोजन प्रतिदिन स्वयं लंच के रूप में चखते हैं। कलेक्टर की इस पहल के बाद से जिले में मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता में काफी सुधार आ गया है और अब जिले में बच्चों को मीनू के आधार पर रुचिकर और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
*पहले कभी नहीं थी इतनी उपस्थिति*
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा की गई इस पहल से अब जहां मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आया है तो वहीं इसका सीधा असर शासकीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में हुई उत्साहजनक वृद्धि के रूप में देखने को मिल रहा है। विगत दो माह में शहर की शासकीय शालाओं में बच्चों की उपस्थिति में औसतन 5 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं कई स्कूलों में अब करीब 90 फीसदी से अधिक विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं जबकि दो माह पूर्व तक ये दर करीब 73 फीसदी ही थी। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 तक शहरी क्षेत्र के शासकीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति दर्ज संख्या के विपरीत 62.12 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर फरवरी 2023 में 66.72 प्रतिशत तक जा पहुंची है।
*अब घर से नहीं लाते टिफिन*
पूर्व में मध्यान्ह भोजन की न्यून गुणवत्ता की वजह से जहां अभिभावक बच्चों को घर से प्रतिदिन टिफिन बनाकर भेजते थे तो वहीं अब एमडीएम की गुणवत्ता में आए सुधार के बाद घर से टिफिन लाने वाले बच्चों की संख्या लगभग न के बराबर पहुंच चुकी है।
*अभिभावकों से भी लिया जा रहा फीडबैक*
लगातार मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के संबंध में अभिवावकों से भी फीडबैक लिया जा रहा है। अभिभावकों के संतोषप्रद फीडबैक पर कलेक्टर खुश नजर आए। खुद अभिभावकों ने एमडीएम में आए इस सुधार पर आश्चर्य जताते हुए कलेक्टर श्री प्रसाद के प्रति अपना आभार जताया है। शासकीय प्राथमिक शाला टिकरिया के विद्यार्थियों के परिजनों ने तो यहां तक कहा कि पहले न कभी बच्चे इतने खुश होकर रोजाना स्कूल जाते थे और न ही स्कूलों में इतना अच्छा मध्यान्ह भोजन मिलता था। अभिवावक अनिता कोल, अंजली, संगीता, रजनी आदि ने कहा कि अब उन्हें बच्चों के लिए टिफिन बनाने की चिंता नहीं रहती।
*इन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में हुई अप्रत्याशित वृद्धि*
यूं तो शहर के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि दर्ज हुई है। लेकिन कुछ स्कूलों में हाजिरी के उत्साहजनक और उल्लेखनीय आंकड़े सामने आए हैं। शासकीय प्राथमिक शाला विलगंवा में विद्यार्थियों की उपस्थिति दिसंबर 22 में जहां 73.6 प्रतिशत थी जो फरवरी 23 में 81.9%, माध्यमिक शाला बरगवां में उपस्थिति 55.5 % से बढ़कर 73.8 %, प्राथमिक शाला बरगवां में उपस्थिति 45.7% से बढकर 70.7%, शासकीय माध्यमिक शाला झिंझरी में उपस्थिति 65.3% से बढ़कर 75.9%, प्राथमिक शाला अमकुही 72.7% से बढ़कर 89.6%, प्राथमिक शाला बंधवा टोला में उपस्थिति 74.05% से बढ़कर 83.7%, शासकीय बीजी अग्निहोत्री प्राथमिक शाला में 78% से बढ़कर 91.2%, माध्यमिक शाला कुठला में उपस्थिति 72% से बढ़कर 93.75% तक विगत दो माह में जा पहुंची है।

(नोट – प्रत्येक शाला में पहला आंकड़ा दिसंबर 2022 की उपस्थिति के और बाद वाला आंकडा फरवरी 2023 का है)

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