अस्पताल बता कर वृद्धाश्रम में छोड़ गया बेटा

मरने पर आया साइन किए, बिना मुखाग्नि दिए लौट गया

Son left in old age home by telling hospital

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट – विष्णु कान्त शर्मा

आगरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में छह साल से अपने बेटे का इंतजार कर रही मां की आंखें पथरा गईं। होली पर बेटे को पुकारते हुए आखिरकार मां दुनिया से रुखसत हो गई। मां की मौत की खबर पर भी बेटे का दिल नहीं पसीजा। होली मनाने के बाद वह आश्रम आया और अंतिम संस्कार की रस्में पूरी किए बिना ही चला गया। आश्रम वालों ने बुजुर्ग माता को अंतिम विदाई दी।

आश्रम में साढ़े छह साल पहले करीब 75 साल की चंद्रकांता पहुंची थीं। बेटा गुरुद्वारा गुरु का ताल के पास छोड़कर चला गया था। आश्रम के अध्यक्ष शिवप्रसाद शर्मा ने बताया कि चंद्रकांता को कुछ लोग लेकर उनके पास आए थे। बेटे ने उनसे कहा था कि वह नोएडा में फ्लैट देखने जा रहा है। दो दिन बाद उन्हें आकर ले जाएगा। तभी से वृद्धा आश्रम में रहकर बेटे का इंतजार कर रही थी।

पहलाद कुमार ने बताया कि चंद्रकांता हमेशा बेटे के आने की आस में मां हर त्योहार पर उसकी राह ताकती। आश्रम के अन्य बुजुर्गों से कहती कि मेरा बेटा जरूर आएगा। बहू ने कुछ कह दिया होगा। वह अपने बेटे के नाम की माला जपती तो आश्रम के बुजुर्ग उसे समझाते कि अगर बेटे को आना होता तो वह यूं झूठ बोलकर छोड़कर नहीं जाता। सात मार्च को होली पर भी बेटा नहीं आया तो चंद्रकांता की आंखें पथरा गईं। वह बेटे को पुकारते हुए दुनिया से चली गई।

शिवप्रसाद शर्मा ने बताया कि इसकी सूचना बेटे को कुछ देर बाद ही दे दी गई थी। लेकिन, बेटा होली का त्योहार मनाने के बाद नौ मार्च को अपनी पत्नी के साथ आया। उसने कागजी कार्रवाई पूरी की और आश्रम वालों से अंतिम संस्कार करने की कहकर चला गया। उसने अपनी मां को मुखाग्नि देना तक उचित नहीं समझा।

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