पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग ,15 मार्च 2003

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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक:-15/03/2023, बुधवार*
अष्टमी, कृष्ण पक्ष,
चैत्र
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———–अष्टमी18:45:08 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———– ज्येष्ठा 07:32:40
नक्षत्र————- मूल 30:23:07
योग———— सिद्वि 12:51:01
करण———– बालव 07:37:17
करण———– कौलव 18:45:08
करण———– तैतुल 29:45:32
वार———————– बुधवार
माह————————– चैत्र
चन्द्र राशि—— वृश्चिक 07:32:40
चन्द्र राशि——————- धनु
सूर्य राशि——- कुम्भ 05:33:09
सूर्य राशि——————- मीन
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————- 2079
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:30:30
सूर्यास्त————— 18:26:13
दिन काल————- 11:55:43
रात्री काल———— 12:03:10
चंद्रास्त—————- 11:29:57
चंद्रोदय—————- 26:13:17

लग्न—-कुम्भ 29°59′ , 329°59′

सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र——————- ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*??? पद, चरण ???

यू—- ज्येष्ठा 07:32:40

ये—- मूल 13:18:04

यो—- मूल 19:01:34

भा—- मूल 24:43:15

भी—- मूल 30:23:07

*??? ग्रह गोचर ???*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 00 : 29 पू o भा o , 4 दी
चन्द्र =वृश्चिक 29°:23, ज्येष्ठा, 4 यू
बुध =कुम्भ 29°: 34′ पूoभाo’ 3 दा
शुक्र=मीन 02 °05, अश्विनी ‘ 2 चे
मंगल=मिथुन 00°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 20°30 ‘ रेवती , 2 दो
शनि=कुम्भ 6°53 ‘ शतभिषा ‘ 4 गे
राहू=(व) मेष 12°15 अश्विनी , 4 ला
केतु=(व) तुला 12°15 स्वाति , 2 रे

*??? शुभा$शुभ मुहूर्त ???*

राहू काल 12:28 – 13:58 अशुभ
यम घंटा 07:59 – 09:29 अशुभ
गुली काल 10:59 – 12:28 अशुभ
अभिजित 12:05 – 12:52 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:05 – 12:52 अशुभ
वर्ज्यम 28:53* – 30:23* अशुभ

?गंड मूल अहोरात्र अशुभ

?चोघडिया, दिन
लाभ 06:31 – 07:59 शुभ
अमृत 07:59 – 09:29 शुभ
काल 09:29 – 10:59 अशुभ
शुभ 10:59 – 12:28 शुभ
रोग 12:28 – 13:58 अशुभ
उद्वेग 13:58 – 15:27 अशुभ
चर 15:27 – 16:57 शुभ
लाभ 16:57 – 18:26 शुभ

?चोघडिया, रात
उद्वेग 18:26 – 19:57 अशुभ
शुभ 19:57 – 21:27 शुभ
अमृत 21:27 – 22:57 शुभ
चर 22:57 – 24:28* शुभ
रोग 24:28* – 25:58* अशुभ
काल 25:58* – 27:29* अशुभ
लाभ 27:29* – 28:59* शुभ
उद्वेग 28:59* – 30:29* अशुभ

?होरा, दिन
बुध 06:31 – 07:30
चन्द्र 07:30 – 08:30
शनि 08:30 – 09:29
बृहस्पति 09:29 – 10:29
मंगल 10:29 – 11:29
सूर्य 11:29 – 12:28
शुक्र 12:28 – 13:28
बुध 13:28 – 14:28
चन्द्र 14:28 – 15:27
शनि 15:27 – 16:27
बृहस्पति 16:27 – 17:27
मंगल 17:27 – 18:26

?होरा, रात
सूर्य 18:26 – 19:26
शुक्र 19:26 – 20:27
बुध 20:27 – 21:27
चन्द्र 21:27 – 22:27
शनि 22:27 – 23:28
बृहस्पति 23:28 – 24:28
मंगल 24:28* – 25:28
सूर्य 25:28* – 26:28
शुक्र 26:28* – 27:29
बुध 27:29* – 28:29
चन्द्र 28:29* – 29:29
शनि 29:29* – 30:29

*?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??*

कुम्भ > 04: 00 से 06:22 तक
मीन > 06:22 से 07:34 तक
मेष > 07:34 से 09:08 तक
वृषभ > 09:08 से 11:06 तक
मिथुन > 11:06 से 13:56 तक
कर्क > 13:56 से 16:36 तक
सिंह > 16:36 से 17:54 तक
कन्या > 17:54 से 21:04 तक
तुला > 21:04 से 23:40 तक
वृश्चिक > 23:40 से 00:40 तक
धनु > 00:40 से 02: 42 तक
मकर > 02:42 से 03: 54 तक

*?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 8 + 4 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

*? शिव वास एवं फल -:*

23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*?भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*?? विशेष जानकारी ??*

* शीतलाष्टमी पूजन

*श्री ऋषभदेव जयंती

*रथोत्सव प्रारम्भ रंगजी वृन्दावन

*विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस

*??? शुभ विचार ???*

प्रलये भिन्नमर्यादा भवन्ति किल सागराः ।
सागरा भेदमिच्छान्ति प्रलयेऽपि न साधवः ।।
।। चा o नी o।।

जब प्रलय का समय आता है तो समुद्र भी अपनी मयारदा छोड़कर किनारों को छोड़ अथवा तोड़ जाते है, लेकिन सज्जन पुरुष प्रलय के सामान भयंकर आपत्ति अवं विपत्ति में भी आपनी मर्यादा नहीं बदलते.

*??? सुभाषितानि ???*

गीता -: अक्षरब्रह्म योग अo-08

कविं पुराणमनुशासितार-मणोरणीयांसमनुस्मरेद्यः ।,
सर्वस्य धातारमचिन्त्यरूप-मादित्यवर्णं तमसः परस्तात्‌ ॥,

जो पुरुष सर्वज्ञ, अनादि, सबके नियंता (अंतर्यामी रूप से सब प्राणियों के शुभ और अशुभ कर्म के अनुसार शासन करने वाला) सूक्ष्म से भी अति सूक्ष्म, सबके धारण-पोषण करने वाले अचिन्त्य-स्वरूप, सूर्य के सदृश नित्य चेतन प्रकाश रूप और अविद्या से अति परे, शुद्ध सच्चिदानन्दघन परमेश्वर का स्मरण करता है॥,9॥,

*?? दैनिक राशिफल ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।

?वृष
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ होगा। रोग घेरेंगे। चिंताएं बढ़ेंगी। शत्रु शांत होंगे। अपमान, कष्ट, कलह से बचना होगा। राज्य से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। लाभ होगा। शत्रु परेशान करेंगे। कुछ नुकसान होगा।

?मिथुन
कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। हानि, भय, कष्ट का वातावरण बनेगा। कुछ लाभ के आसार दिखेंगे। दुखद समाचार मिलने की संभावना है। अस्वस्थता होगी। कुसंग से हानि, कुछ लाभ के आसार दिखेंगे।

?कर्क
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कष्ट होंगे। खर्च बढ़ेंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। धनागम के अवसर बनेंगे। कार्यस्थल पर आ बैल मुझे मार की स्‍थिति निर्मित न होने दें। अकारण भय बना रहेगा। व्यापारी सोच-समझकर निर्णय लें।

?सिंह
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। नेत्र पीड़ा की संभावना। कुछ लाभ। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे। ज्ञानीजनों से मुलाकात होगी। शांति बनाना आवश्यक है। अकारण भय व्याप्त होगा।

?‍♀️कन्या
दौड़-धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। विवाद न करें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धनलाभ के अवसर होंगे। अकारण भय व्याप्त होगा। शत्रु शांत होंगे। वाहन देखकर चलाएं। परिस्‍थितियां अनुकूल होंगी। कुछ विरोध होगा। विरोधी अपमान करेंगे। शांति होगी।

⚖️तुला
चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चोट व रोग से बचें। विवाद न करें। आवश्यकताएं बढ़ेंगी। आर्थिक तंगी हो सकती है। कर्ज से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शत्रु परेशान करेंगे। हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।

?वृश्चिक
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बढ़ेगी। हानि-लाभ का वातावरण बनेगा। पराक्रम बढ़ेगा। विजय मिलेगी, गर्व न करें। ईमानदारी से कार्य करते रहें। समय पक्ष का है। स्त्री सुख, यात्रा में हानि, दुख। विरोधी कष्ट देंगे।

?धनु
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत होंगे। कष्ट-भय की संभावना, अस्वस्थता, आलस्य का अनुभव करेंगे। धनागम होगा। शरीर शिथिल होगा। शत्रु शांत रहेंगे। लाभ-हानि बराबर रहेंगे। प्रमाद बढ़ेगा।

?मकर
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।

?कुंभ
मेहनत‍ का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बनी रहेगी। मातृपक्ष से परेशानी होगी। दुर्घटना की संभावना। धन मिलने की परिस्‍थिति निर्मित होगी। अंतरप्रेरणा से कार्य करें। धनागम के अवसर बढ़ेंगे। प्रमाद का त्याग करना होगा।

?मीन
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शुभ समाचार की आशा बंधेगी। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। सावधान रहने की आवश्यकता है। पराक्रम दिखलाने का अवसर है। लाभ होगा। रिश्वत न लें। नम्रता बनाए रखें।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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