वाशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच काला सागर में रूस के सुखोई-27 विमान के अमेरिका के रीपर ड्रोन से टकराने की खबरें सामने आ रही हैं।अमेरिका ने दावा किया कि ये घटना उस दौरान हुई जब रूसी जेट और अमेरिकी ड्रोन काला सागल के ऊपर चक्कर लगा रहे थे। अमेरिका ने कहा कि रूसी Su-27 फाइटर जेट का अमेरिका के MQ-9 रीपर ड्रोन से टकराव हुआ, जिसके कारण अमेरिकी ड्रोन सीधे काला सागर में जाकर गिर गई।इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। दोनों ही देश एक-दुसरे पर आरोप लगा रहे है।अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक गिरे हुए ड्रोन को बरामद नहीं किया गया है।
उसे ढूंढा जा रहा है ताकि वह गलत हाथों में न लगे।पेंटागन और अमेरिकी यूरोपीय कमांड ने घटना के बारे में कहा कि दो रूसी एसयू-27 विमानों ने अमेरिकी ड्रोन को पहले घेरा और फिर उसपर फ्यूल गिराया।बता दें कि अमेरिका का ड्रोन काला सागर पर एक नियमित निगरानी मिशन चला रहा था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि टक्कर एक दुर्घटना थी या जानबूझकर, लेकिन दोनों पक्ष सहमत हैं कि रूसी विमान ड्रोन को रोकने की कोशिश कर रहे थे। बता दें कि काला सागर वो क्षेत्र है, जिसकी सीमाएं रूस और यूक्रेन से मिलती हैं।
यूक्रेन को लेकर इस क्षेत्र में लंबे समय से तनाव बना हुआ है।रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन रूसी सीमा के पास उड़ रहा था। रूस का दावा है कि अमेरिकी ड्रोन ऐसे क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थेजो कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से बाहर था। उन्होंने कहा कि रूसी सेना ने अमेरिकी ड्रोन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को उतारा था।रूस ने दावा किया कि ‘तीव्र युद्धाभ्यास के परिणामस्वरूप, अमेरिकी ड्रोन ऊंचाई के नुकसान के साथ बेकाबू उड़ान में चला गया और पानी की सतह से टकरा गया।’ रूस ने साफ किया है कि उसका लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ड्रोन पहले ही काला सागर में गिर गया।
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