दिल्ली सरकार का बजट आने से पहले लीक हुआ है तो विधानसभा अध्यक्ष इसकी जांच कराऐं: अनिल भारद्वाज

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं दिल्ली सरकार पूर्व संसदीय सचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली सरकार द्वारा जनहित में जन कल्याण योजनाओं को लागू करने की जगह उपराज्यपाल के साथ अधिकारों की लड़ाई के कारण ही वर्तमान में दिल्ली में असमंजस की स्थिति व्याप्त हुई है।

भारद्वाज ने कहा कि बजट पारित होने से पूर्व दिल्ली सरकार का बजट लीक होने की शिकायत होना बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि यदि दिल्ली सरकार का बजट सदन पटल पर आने से पहले लीक हुआ है तो विधानसभा अध्यक्ष इसकी जांच कराऐं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा प्रचार प्रसार के क्षेत्र में अनियंत्रित राशि का इस्तेमाल करने के कारण प्रस्तावित बजट पर केन्द्र सरकार ने आपत्ति लगाकर वापस भेज दिया। केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की संविधान के विरुद्ध कार्यशैली और प्रशासनिक विफलताओं के कारण इतिहास में पहला उदाहरण है कि आम आदमी पार्टी की सरकार प्रस्तावित तिथि पर बजट पेश नही कर पाई।  उन्होंने कहा कि दिल्ली में 15 वर और उससे पूर्व भी कभी भी ऐसी चिंताजनक स्थिति उत्पन्न नही हुई कि तय दिन बजट पेश नही हुआ हो। दिल्ली विधानसभा का बजट देरी से आने की विफलता मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की है।

भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की नीति और नियत अच्छी नही है और पिछले 9 वर्षों से दिल्ली की जनता के लिए काम करने की बजाय विकास के काम न करने के बहाने बनाए और बनाकर विक्टिम कार्ड खेलने का काम किया है। दिल्ली की बदहाली के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी की नूरा कुश्ती जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को नाम का बजट नही काम का बजट चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की शीला दीक्षित जी की सरकार ने 15 वर्षों में विजन के तहत काम करके दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाया जिसका केजरीवाल सरकार रख-रखाव तक नही कर पाई। सरकार जब से सत्ता में आई है प्रत्येक वर्ष दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए नाम बदलकर बजट पेश किए है, परंतु जमीन पर कोई काम नही हुआ है। उन्होंने बताया कि 2015 का स्वराज बजट, 2016 का ऑड-इवन बजट, 2017 का आउट कम बजट, 2018 का ग्रीन बजट, 2019 का पुलवामा बजट, 2020 का केजरीवाल मॉडल बजट, 2021 का देशभक्ति बजट और 2022 का रोजगार बजट पेश किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस 2023 के बजट को प्रवासी मुख्यमंत्री का भ्रामक प्रचार प्रसार बजट नाम देती हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार बजट के नाम पर केजरीवाल ने दिल्ली के युवाओं को रोजगार देने के नाम पर छला है। दिल्ली कांग्रेस मांग करती है कि केजरीवाल युवाओं को रोजगार तो नही दे पाए परंतु योग्यता अनुसार दिल्ली के युवाओं को बेरोजगारी भत्ते की तुरंत घोषणा करें, क्योंकि केजरीवाल बाहर के राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का वादा करते है फिर दिल्ली के युवाओं के साथ दोहरी नीति क्यों अपना रहे हैं?

अनिल भारद्वाज ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली में दो तिहाई बहुमत मिलने के बावजूद दिल्ली मजबूत स्थिति नही दे पाई और इनकी संविधान के विरुद्ध नीतियों के कारण ही दिल्ली में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कोई मंत्रालय ने लेकर अपनी  जिम्मेदारी से बच नही सकते क्योंकि दिल्ली सरकार में हुए भ्रष्टाचार के लिए केजरीवाल पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि स्वराज बजट के नाम पर केजरीवाल ने दिल्ली को शराब घोटला करके घोटालों की सरकार बना दिया, ऑड-ईवन और ग्रीन बजट के नाम पर दिल्ली को प्रदूषित शहर बना दिया, देशभक्त बजट के नाम पर कटटर ईमानदार 2 मंत्री भ्रष्टाचार जेल में बंद है। केजरीवाल मॉडल बजट के तहत दिल्ली शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछड़ गई है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More