धनबाद में गुरुवार को अवैध खनन के दौरान बीसीसीएल की एक सक्रिय खदान की छत ढह जाने से कम से कम चार खनिकों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के एक विधायक ने झारखंड विधानसभा में यह जानकारी दी है। उन्होंने दावा किया कि यह घटना धनबाद शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर पश्चिम मोदीडीह कोलियरी में हुई जिसका संचालन एक आउटसोर्स कंपनी करती है।
भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने भी सदन में इस मुद्दे को उठाया। हालांकि, बीसीसीएल के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने ऐसी किसी घटना के होने से इनकार किया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया कि यह घटना गुरुवार सुबह करीब पांच बजे हुई जब आसपास की ‘बस्तियों’ (खनिकों की झुग्गियों) के निवासियों का एक वर्ग कथित तौर पर अवैध खनन में लगा हुआ था।
खदान की छत अचानक धंस गई जिसमें उनमें से कुछ मलबे के नीचे दब गए। उन्होंने बताया कि पुलिस कार्रवाई के डर से ग्रामीणों ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला और उन्हें इलाज के लिए ले गए। अवैध खनन सुरंग के प्रवेश द्वार के पास हजारों कोयले से भरे बोरे पाए गए।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा, “मेरे इलाके में एक अवैध खदान में खनन के दौरान कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मैं बीसीसीएल से मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये और घायलों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग करता हूं।”
वहीं इस मामले में तेतुलमारी पुलिस स्टेशन के प्रभारी आशीष कुमार यादव से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने घटना से इनकार किया। आउटसोर्स कंपनी के अधिकारियों ने भी ऐसी किसी घटना के होने से इनकार किया है।
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