आखिर कैसे भुझाएं बड़ी आग जब जल निगम के ज्यादातर हाईडेंट पड़े खराब भगवान भरोसे अग्निकांड

राष्ट्रीय जजमेंट कानपुर नगर

आपको बता दें बांसमंडी भीषण अग्निकांड मामले में अगर हाईड्रेंट कार्यशील होते तो शायद अब तक आग पर काबू पा लिया होता। पानी की तलाश में दमकल की गाड़ियों को काफी चक्कर काटने पड़े।

जिले में अग्निशमन को पानी मुहैया कराने के लिए 189 हाईड्रेंट प्वाइंट बनाए गए थे। बड़ी संख्या में हाईड्रेंट सड़क निर्माण और सड़कों के ऊंचे होने के चलते दबकर दफन हो गए तो कई अतिक्रमण में खत्म हो गये।

शहर के मुख्य फायर स्टेशन फजलगंज के अंतर्गत 36 हाईड्रेंट प्वाइंट बने हैं। इसमें से नौ माल और वाणिज्यिक संस्थान हैं जहां से दमकल की गाड़ियां पानी लेती हैं।

अगर इन नौ हाईड्रेंट प्वाइंट को छोड़ दिया जाय तो शेष 27 हाईड्रेंट प्वाइंट कार्यशील नहीं हैं। आग की सबसे ज्यादा घटनाएं टेनरी आदि के चलते जाजमऊ फायर स्टेशन क्षेत्र में होती हैं।

यहां पर भी हाईड्रेंट के 20 प्वाइंट हैं लेकिन सिर्फ चार ही कार्यशील चार हैं। शहर में वाणिज्यिक संस्थानों, शापिंग माल्स के जलस्रोतों से अग्निशमन विभाग आग बुझा रहा है। अगर इन जलस्रोतों से दमकल को पानी न मिले तो आग बुझाना बहुत ही मुश्किल हो जायेगा।

पुराने हाईड्रेंट अतिक्रमण और सड़कों के ऊंचे होने से दब गए हैं उनमें पानी के प्रेशर की भी समस्या रहती है अगर इनके भरोसे ही रहा जायेगा तो आग पर काबू पाना मुश्किल हो जायेगा।

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