दिल्ली में 24 घंटे दुकानें खुलने के निर्णय पर व्यापारियों में संशय: सीटीआई

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली में 24 घंटे 55 और ई-कॉमर्स और रिटेल आउटलेट्स खोलने की मंजूरी दी है। पिछले साल अक्टूबर में एलजी ने 300 से अधिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति दी थी। उपराज्यपाल के फैसले का चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने स्वागत किया है। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और इससे दिल्ली में नाइट शाॅपिंग से इकोनॉमी मजबूत होगी, टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और कारोबार में तरक्की आएगी।

सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि इन सबके बावजूद अभी दिल्ली के व्यापारियों में इस पाॅलिसी को लेकर कई तरह के संशय हैं, अधिकतर व्यापारियों को इस विषय में पूरी जानकारी नहीं है, जागरुकता के अभाव में काफी लोग सक्रिय नहीं हो पा रहे हैं। उपराज्यपाल को इसको लेकर दिल्ली के व्यापारियों और मार्केट एसोसिएशन्स के साथ मीटिंग करके उनके सुझाव लेने चाहिए थे। दुकानदारों को ये भी पता नहीं है कि किनको मंजूरी मिलेगी और किनको नहीं? इस विषय पर एलजी और व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच कोई मीटिंग भी नहीं हुई है।

बृजेश गोयल ने कहा कि हमारी मांग है कि उपराज्यपाल दिल्ली की प्रमुख व्यापारिक संस्थाओं के साथ मीटिंग बुलायें जिससे कि व्यापारियों की शंकाओं का समाधान हो। अब जिन मार्केट में पूरी रात दुकानें खुलेंगी, वहां की सुरक्षा व्यवस्था की गारंटी कौन लेगा? बहुत से कर्मचारी मेट्रो, बस, ट्रेन से सफर कर दुकान, रेस्टोरेंट्स, गोदाम, होटल तक पहुंचते हैं। रात-बेरात किन पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करेंगे? क्योंकि रात में सार्वजनिक परिवहन सेवा सीमित हो जाती हैं। कई रूट्स पर सर्विस भी नहीं है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करना होगा।

गोयल ने आगे कहा कि अभी स्कीम में रेस्टोरेंट्स और खाने-पीने से जुड़े व्यापारी रुचि ले रहे हैं। सीटीआई का मानना है कि इसे ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। व्यापारियों को विश्वास में लिया जाएगा, तब अधिक से अधिक लोग जुड़ेंगे। बता दें कि रात में ई-कॉमर्स और रिटेल आउटलेट्स खुलेंगे, तो रोजगार बढ़ेंगे। शहर में निवेश के लिए एक सकारात्मक माहौल बनेगा। इससे कारोबारी और प्रोत्साहित होंगे।

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