केजरीवाल सरकार ने 8 वर्ष तक राशन विजिलेंस कमेटी गठन की फाइल दबाकर भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश की है: वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा ने आरोप लगाया की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने पिछले 8 साल से राशन दुकानों के लिये अनिवार्य विजिलेंस कमेटियों को बनने नहीं दिया है। वही भाजपा ने आज उपराज्यपाल द्वारा अविलम्ब राशन विजिलेंस कमेटियां बनाने के निर्देश का स्वागत किया है और इसे एक जनहित निर्णय बताया।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि एक ओर अरविन्द केजरीवाल सरकार पारदर्शिता एवं जवाबदेही की बात करती है वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय खाद्य संरक्षण एक्ट 2013 के अंतर्गत अनिवार्य विजिलेंस कमेटी 8 वर्ष तक बनने से क्यों रोकी है कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि सरकार ने अपने भ्रष्टाचार और लापरवाहियों दोनों को छुपाने का प्रयास किया है। दिल्ली में राशन व्यवस्था में अनियमित्ताओं के समाचार लगातार सामने आते रहे हैं, हमने लगातार देखा है कि केजरीवाल सरकार केन्द्रीय भंडारों से उठाकर समय पर राशन दुकानों तक नहीं पहुंचाती है, या फिर राशन पूरा नहीं पहुंचाती है और यदि राशन विजिलेंस कमेटी होती तो केजरीवाल सरकार की इन सब विफलताओं की पोल अंतिम राशन लेने वाले तक के बीच खुलती। शायद इसी मकसद से अरविन्द केजरीवाल सरकार ने कभी भी राशन विजिलेंस कमेटी नहीं बनने दी।

सचदेवा ने आगे कहा है कि यदि राशन विजिलेंस कमेटी बनी होती तो उसका लाभ समाज के अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचता पर राशन वितरण का भी निजीकरण करने पर उतारू केजरीवाल सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। दिल्ली वाले आज भी यह नहीं भूले हैं कि केजरीवाल सरकार ने जनता को सुविधा देने के नाम पर एक डोर टू डोर राशन योजना की भी कल्पना की थी, जो स्वयं में एक भ्रष्टाचार भरी योजना थी। यदि केजरीवाल सरकार ने 2015 से ही राशन विजिलेंस कमेटियां बनने से न रोका होता तो राशन दुकानों तक पहुंचने और उसके वितरण की कोई समस्या ही खड़ी नहीं होती और डोर टू डोर राशन पहुंचाने की कल्पना की जरूरत ही नहीं होती।

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