नेबुआ नौरंगिया कुशीनगर: चैत्र वरणी पर्व पर बृहस्पतिवार को क्षेत्र के लोग भैंसहा गांव स्थित नारायणी में स्नान कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। मोक्ष की कामना से कई लोगों ने गोदान भी किया। महिलाओं ने मंदिर परिसर में पूड़ी और हलवा बनाकर मां को प्रसाद चढ़ाया। इसके बाद मंदिर परिसर में लगे मेला का लोगों ने आनंद लिया।चैत्र पूर्णिमा को बृहस्पतिवार की भोर से ही श्रद्धालु गंडक नदी में स्नान करने के लिए पहुंचने लगे। महिलाएं मंदिर परिसर में पूड़ी और हलवा का प्रसाद बनाई। इसके बाद कपूर, सिंदूर, सूखा मेवा आदि नदी और मां दुर्गा के मंदिर में चढ़ाकर पूजन की।
मोक्ष की कामना के लिए श्रद्धालुओं ने गाय की पूंछ पकड़ कर गोदान किया। मेला परिसर में मुंडन समेत अन्य धार्मिक कार्य किए गए। इसके बाद नौका बिहार का लोगों ने आनंद लिया। मंदिर परिसर में लगे मेले में झूला, मौत का कुआं आदि का बच्चों ने खूब आनंद लिया। लोगों की सुरक्षा और मंदिर परिसर में शांति व्यवस्था के लिए खड्डा थाने के एसएचओ अमित शर्मा की अगुवाई में काफी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहे।लोगों ने की सरकारी मेला घोषित करने की मांग।
खड्डा नारायणी नदी के दुर्गा मंदिर परिसर में हर वर्ष करीब ढाई लाख श्रद्धालु चैत्र वरणी पूजा में शामिल होते हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से यहां कोई विशेष इंतजाम नहीं किया जाता।मेला के दौरान स्वास्थ्य, पेयजल,।शौचालय, विश्रामालय, पार्किंग आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। क्षेत्र के लोगों ने सरकारी मेला घोषित कर मेला के दौरान बेहतर इंतजाम कराने की मांग की है।इस मेले में नेपाल के नवल परासी व पालपा आदि जगह से आए।
गौतम श्रेष्ठ, सुमित्रा श्रेष्ठ, किशोर गुरूंग, रामचंद्र उपाध्याय व देवरिया के महंत कुशवाहा, मालती देवी, नंदनी, बालेश्वर, बगहा (बिहार) के बृजकिशोर शाह, नथुनी प्रसाद, लक्ष्मण उरांव, गोपालगंज के विश्वनाथ महतो, केसरी महतो, जयप्रकाश विश्वकर्मा, गोरखपुर के सुरेश दास, जयंती देवी, सुखराजी, महराजगंज के जनार्दन, पुष्पा देवी, जंत्री दूबे, नवल विहारी और क्षेत्र के सुरेश यादव, श्लोक जायसवाल, मुन्ना, रामानंद गिरी, सत्यनारायण आदि ने बताया कि मन्नत मांगी थी, वह पूरी हो गई है। मां नारायणी व मां दुर्गा की महिमा अपार है।
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