नेबुआ नौरंगिया कुशीनगर। जनपद के पडरौना विकास खंड क्षेत्र के ग्रामसभा पिपरासी में खेल प्रतिभाओं में निखार लाने के उद्देश्य से निर्माण कराये जा रहे मिनी स्टेडियम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी हैं। इसकी पोल उस समय खुल गयी जब सोलह लाख रुपये की लागत से बन रहे मिनी स्टेडियम की बाउंड्रीवाल निर्माण के एक सप्ताह बाद ही भरभराकर गिर गया। बताया जाता है कि स्टेडियम के नाम मे अब तक 13 लाख 55 हजार रुपये खर्च हो चुके है लेकिन इसके निर्माण की गुणवत्ता की गारंटी सप्ताह भर भी नही रही। घटिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए जिलाधिकारी से अब तक हुए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है।
बेशक! केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार खेलों के विकास के लिए पूरी तरह से संकल्पित हैं। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की प्रतिभा को मंच प्रदान करने के लिए शासन द्वारा खेल संसाधनों को उपलब्ध करवाने के साथ ही गांव-गांव मे मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। इसी कडी मे जिले के पडरौना विकास खण्ड क्षेत्र के पिपरासी गांव ग्राम सभा द्वारा मनरेगा सहित अन्य निधियों से वीर अब्दुल हमीद मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा इसकी लागत लगभग 16 लाख रुपये बतायी जा रही है। इसमे से तेरह लाख पचपन हजार रुपये मनरेगा के तहत खर्च कर बाउंड्रीवाल का निर्माण व खेल मैदान का समतलीकरण कराना है।
कहना ना होगा कि गांव-गांव मे मिनी स्टेडियम बनवाने के पीछे केन्द्र की मोदी व सूबे की योगी सरकार की मंशा यह है कि गांव की प्रतिभाएं प्रदेश व राष्ट्रीय फलक पर परचम लहरायें। यही कारण है ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से संसाधनो से लैस मिनी स्टेडियम बनवाया जा रहा है। किन्तु अफसोस पिपरासी गांव हमे निर्माण हो रहे स्टेडियम कमीशन खोरी व धन का बंदरबांट के चलते शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो एक सप्ताह पूर्व बना स्टेडियम का बाउंड्रीवाल शनिवार को भरभराकर गिर गया, जो न सिर्फ निर्माण कार्य के गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दिया बल्कि जिम्मेदारों की मानिटरिंग की कली भी खोल दिया। ग्रामीण धीरज चौब, राहुल पांडेय, विरेंदर ,भोला ,लल्लन आदि ने बताया कि ग्रामसभा के प्रधान व सचिव की मिलीभगत से निर्माण कार्य मे खुलेआम धन का बंदरबांट किया जा रहा है और कार्य मानक के अनुरूप नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संजोग ठीक रहा की जब दीवार गिरा उस समय उसके अगल-बगल से कोई व्यक्ति या मजदूर नहीं आ-जा रहा था नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस संबंध में गांव के सचिव ने यह स्वीकार करते हुए कहा कि निर्माण कार्य मे कुछ गड़बड़ी हुआ था इस लिए तोडकर दुबारा बनवाया जा रहा है।
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