वापी। प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल)द्वारा वापी सीईटी पर 10 करोड का जुर्माना किए जाने से औद्योगिक महकमें में खलबली मच गई है।
इतिहास में पहली बार प्रदूषण के मुद्दे पर करोड़ों रुपए जुर्माना किया गया है। जुर्माने के साथ ही एनजीटी ने दो कमेठी करने का भी आदेश दिया है।
दिल्ली एनजीटी में वर्ष-2017 में आर्यवर्त फाउंडेशन ने सीईटीपी के खराब परिणाम के मामले में याचिका दायर की थी। शुक्रवार को केस की सुनवाई के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुनाते हुए सीईटी पर जुर्माना लगाया है। एनजीटी के इन आदेश से वापी के उद्योगों की हालत खराब हो गई है।
एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में वीआईए देगी चुनौती : आर्यवर्त फाउंडेशन के अध्यक्ष एआर मिश्रा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, दिल्ली की प्रिंसिपल बेंच में वापी की सीईटीपी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी को आधार बनाकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जिम्मेदारों को नोटिस जारी किया गया था। याचिका में सीईटीपी से प्रदूषण फैलने और इसे तत्काल बंद करने की मांग की थी।
केस में लगातार तारीख पर तारीख पड़ रही थी :शुक्रवार को ग्रीन एन्वायरो के प्रतिनिधि, जीपीसीबी के अधिकारियों, वकील और पक्षकारों की मौजदूगी में सुनवाई शुरू की गई। इस दौरान दिल्ली एनजीटए ने प्रदूषण के मुद्दे पर वापी सीईटीपी को 10 करोड़ जुर्माना किया।
इसके अलावा सीईटीपी को दो कमेटी बनाकर प्रदूषण को नियंत्रण करने का आदेश दिया। एनजीटी के फैसले से वापी के उद्योगपति, जीपीसीबी, ग्रीन एन्वायरो के अधिकारी सकते में आ गए।
पूना एनजीटी से राहत तो दिल्ली से वापी के उद्योगों को लगा है तगड़ा झटका : पूना एनजीटी से वापी के उद्योगों को काफी राहत मिली है। एनजीटी ने सीईटीपी से दमण कोजवे तक पाइप लाइन डालने का आदेश दिया था, पर शुक्रवार को दिल्ली एनजीटी के फैसले से उद्योगपतियों की नींद हराम हो गई। 10 करोड़ जुर्माना लगाए जाने से उद्योगों काे तगड़ा झटका लगा है।
प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर एक करोड़ से 25 हजार तक जुर्माना होगा : एनजीटी ने सीईटीपी को दो कमेटी बनाकर प्रदूषण की मॉनिटरिंग कराने तथा प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। एनजीटी के आदेश में लगातार प्रदूषण फैलाने और
क्लोजर वाली बड़ी कंपनियों को 1 करोड़, मध्यम स्केल इंडस्ट्रीज को 50 लाख और लघु उद्योगों को 25 हजार जुर्माना करने का आदेश दिया है। आने वाले दिनों में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।
वीआईए, पूर्व प्रमुख और पदाधिकारी का कहना है…
दिल्ली एनजीटी ने एकतरफा फैसला सुनाया है। ग्रीन एन्वायरो और हमारी दलील को बिना सुने आदेश जारी कर दिया। 2017 में दायर याचिका को आधार बनाकर जुर्माना किया गया है। हम सुप्रीम में एनजीटी के आदेश को चुनौती देंगे और स्थगनादेश लाएंगे। वीआईए, ग्रीन एन्वायरो और जिम्मेदार अधिकारी-पदाधिकारी आपस में बातचीत करके मामले को हल करेंगे। मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट से स्थगनादेश मिल जाएगा।
प्रदूषण के मुद्दे पर इतना बड़ा जुर्माना होने की जानकारी पदाधिकारियों ने सदस्यों को नहीं दी है। यह वीआईए के पदाधिकारियों की लापरवाही का परिणाम है। अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए एजीएम बुलाया गया था। इतने बड़े आदेश पर एजीएम क्यों नहीं बुलाया गया? वीआईए के पदाधिकारियों की लापरवाही का परिणाम सदस्यों को भुगतना पड़ेगा।
शरद ठाकर, पूर्व वीआईए अध्यक्ष, वापी