देहरादून। यहां पटेलनगर के चन्द्रमणि स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती 24 वर्षीय सिद्धार्थ की संदिग्ध परिस्थितियों में मंगलवार को मौत के बाद नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी सबेरे के वक्त शव को उसके क्लेमेंटाऊन थाना क्षेत्र के टर्नर रोड स्थित घर के बाहर छोड़ गए। जिससे वहां हंगामा हो गया। सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बमुश्किल मामला शांत कर युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों के मुताबिक नशा छुड़ाने के लिए युवक सिद्धार्थ को आराध्य नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि युवक के शरीर पर चोटों के निशान दिखाई दे रहे हैं।
वहीं इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
मृतक के भाई ने बताया कि सिद्धार्थ नशा करता था जिसके कारण उसे 20 मार्च को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था नशा मुक्ति केंद्र वालों ने उनसे 5000 रुपए प्रति महीना लिया था और 6 महीने तक इलाज करने की बात कही थी। आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र में परिजनों को उससे मिलने नहीं देते थे और न ही फोन पर बात करने देते थे। सिद्धार्थ के माता पिता की कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है वो अपने बड़े भाई और चार बहनों के साथ क्लेमेंटटाउन के टर्नर रोड गली नंबर एक में रहता था। लेकिन आज करीब 7 बजे वो घर पर सो रहे थे इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चले गए। परिजन सिद्धार्थ को कमरे के अंदर ले गए जहां उसकी सांस नहीं चल रही थी। जिस पर परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है। इधर इस घटना से मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
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