आज ही के दिन इसरो ने लॉन्च किया था भारत का पहला सैटेलाइट “आर्यभट्ट”
राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज
रिपोर्ट – विष्णु कान्त शर्मा
आज ही के दिन 48 वर्ष पूर्व 19 अप्रैल 1975 के दिन इसरो ने अंतरिक्ष युग की दुनिया में प्रवेश कर एक अभूतपूर्व कीर्तिमान रचा था। भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में छोड़ा था। बंगलुरू के पीन्या में तैयार किए गए इस उपग्रह का नाम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पांचवी सदी के महान खगोलविद और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा था।
इस उपग्रह को पीन्या में तैयार किया गया था लेकिन इसका प्रक्षेपण सोवियत यूनियन की सहायता से कॉस्मॉस-3 एच से किया गया था। इसके एवज में 1972 में इसरो के वैज्ञानिक यूआर राव ने सोवियत संघ रूस के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया था जिसके अनुसार सोवियत संघ रूस भारतीय बंदरगाहों का इस्तेमाल जहाजों को ट्रैक करने के लिए कर सकता था। खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, एक्स-रे और सौर भौतिकी में जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल किए गए इस उपग्रह का वजन 360 किलोग्राम था। यह इसरो द्वारा लॉन्च किया गया पहला उपग्रह था जिससे इसरो ने अंतरिक्ष में संचालन का अनुभव प्राप्त किया था।
इस उपग्रह का डेटा रिसीविंग सेंटर बंगलुरू में था, जहां एक शौचालय का कायाकल्प करके इस काम के लिए तैयार किया गया था। यही नहीं इसकी विद्युत ऊर्जा प्रणाली में आई एक कमी के कारण यह उपग्रह चार दिन तक अंतरिक्ष में ही रुका रहा था। अपने लॉन्च के 17 वर्ष बाद 11 फरवरी 1992 को अंतरिक्ष से वापस लौटकर पृथ्वी पर आया।
1975 में इस सैटेलाइट के लॉन्च होने के इस ऐतिहासिक क्षण को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1976 में दो रुपये के नोट के पिछले हिस्से पर छापा। 1997 तक दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह की तस्वीर छापी गई, बाद में इसके डिजाइन में बदलाव हो गया।
इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए भारत और रूस दोनों ने मिलकर स्मृति के रूप में स्मृति टिकट भी लॉन्च किया था।
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