विश्वविद्यालय निक्षय मित्रों द्वारा पोषण पोटली का वितरण किया गया

 

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट – विष्णु कान्त शर्मा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी उन्मूलन भारत के सपने को साकार करने में डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज़ ने लगातार अथक प्रयास किये हैं। जिसके चलते कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय कुलपति प्रो आशुरानी ने सभी शिक्षकों के साथ मिलकर ज़िले की 105 महिला टीबी मरीजों को गोद लिया हैं और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रयासरत हैं।

सामुदायिक रेडियो के स्मार्ट संस्था द्वारा चलाये जा रहे प्रोजेक्ट द टीबी चैलेंज- टीबी हारेगा देश जीतेगा के तहत निक्षय मित्र बने विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों ने टीबी उन्मुक्त भारत का लक्ष्य लेकर टीबी मरीज़ों को पोषण पोटली वितरण का कार्य और समय समय पर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने, उन्हें जल्द ठीक होने, बच्चियों को पढ़ाई न छोड़ने, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और उनके मनोबल बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। इसी के तहत प्रो अजय तनेजा, प्रो संजीव कुमार, प्रो संजय चौधरी, डॉ आर के भारती, प्रो अचला कक्कड़, प्रो अर्चना सिंह, प्रो देवेंद्र कुमार, प्रो गौतम जैसवार, डॉ संघमित्रा, प्रो प्रदीप श्रीधर डॉ नीलम यादव, रेडियो से पूजा सक्सेना और तरुण श्रीवास्तव द्वारा पोषण पोटली वितरण और पेशेंट्स की काउंसलिंग की गई।

कुलपति प्रो आशु रानी ने इस कार्य की सरहाना करते हुए कहा है कि समाज को जागरूक करने के लिए भी ये कार्यक्रम समय समय पर लगातार करते रहना जरूरी है और साथ ही विश्विद्यालय के बाकी सभी निक्षय मित्र भी जल्द ही अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर माननीय प्रधानमंत्री और कुलाधिपति जी के सपने को सच करने में सहयोग कर देश को वर्ष 2025 से पूर्व ही टीबी रोग उन्मुक्त करें। इस तरह के आयोजन युवा पीढ़ी को भी आगे बढ़कर समाज सेवा के लिए प्रेरीत करते हैं।

कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह ने टीबी मरीजों को पोषण आहार और बेहतर सेवाएं देने वाले निक्षय मित्रों को बधाई दी और इस कार्य को लगातार जारी रखने के लिए कहा।

जिला टीबी समन्वयक कमल सिंह की उपस्थिति और सहयोग से ये पोषण पोटली वितरण कार्यक्रम सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज की प्रोग्राम अधिशासी श्रीमती पूजा सक्सैना और इंजीनियर तरुण श्रीवास्तव ने सुचारू रूप से किया जिसमें दीप का विशेष सहयोग रहा।

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