तो क्या आशनाई में रोड़ा बने लिपिक का हुआ कत्ल!

- जमीनी विवाद मानकर पुलिस कर रही पड़ताल, असल कारण से भटकी - घर आने-जाने वाले लोगों से सख्ती बरते खाकी, तो खुल सकता है राज

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

बांदा। अक्सर यह देखने को मिलता है कि कभी अपने ही परिवार के लोगों, या अपने किसी हम उम्र ने या फिर संबंधितयों ने महज आशनाई के चलते अपने ही लोगों का कत्ल करा दिया। हत्या की जब कोई विशेष वजह नहीं होती तो अक्सर ऐसे मामलों में सिर्फ आशनाई ही उभरकर सामने आती है और खाकी जब कभी सख्ती बरतती है तो निश्चित तौर पर मामले का खुलासा कर देती है। अलबत्ता अतर्रा कस्बे में नरैनी रोड हुई लिपिक की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या भी आशनाई की तरफ ही इशारा कर रही है। यह बात दीगर है कि खाकी इस मामले को जमीनी विवाद से जोड़कर देख रही है। लोगों से पूछतांछ भी की गई है लेकिन पुलिस अभी सटीक कारण नहीं जान पाई। चर्चाओं का दौर भी जारी है। खाकी को अब एक बार आशनाई के नजरिए से इस मामले की तहकीकात करनी चाहिए, निश्चित तौर पर घर आने-जाने वाले लोगों से अगर पुलिस पूछतांछ करे तो मामले का खुलासा हो सकता है। बस खाकी थोड़ा सख्त हो जाए।

हिन्दू इंटर कालेज अतर्रा के लिपिक प्रदीप उर्फ रामू पुत्र रामप्रताप की हत्या को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है। चूंकि लिपिक नशे का आदी था। अक्सर उसके घर में नशेबाजी को लेकर तकरार होती रहती थी। लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। लिपिक की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने फौरी तौर पर जमीनी विवाद को कारण माना। हालांकि खाकी की तहकीकात जारी है। लेकिन लोगों के बीच हो रही चर्चाओं से छनकर जो बातें सामने आ रही हैं, उनमें हत्या का एक कारण आशनाई भी माना जा रहा है।

अब आशनाई कौन कर रहा था, यह तो पुलिस की जांच से ही सामने आ सकता है। सूत्रवत मिली जानकारी के अनुसार लिपिक के घर में लोगों का आना-जाना अक्सर लगा रहता था, साथ में उठना-बैठना भी होता था। कभी लिपिक की मौजूदगी में तो कभी लिपिक के घर में न होने पर भी लोगों का आना-जाना लगा रहता था। मोबाइल फोन के जरिए बातचीत भी होना बताई जा रही है। यह बिंदु भी इस हत्या के खुलासे को लेकर पुलिस के लिए बहुत खास साबित हो सकता है। हालांकि पुलिस जमीनी विवाद को लेकर तहकीकात कर रही है, उसका भी अपना नजरिया है। लेकिन चर्चाओं की मानें तो तहकीकात का नजरिया जमीनी विवाद होने के साथ ही आशनाई पर भी तफ्तीश करना जरूरी हैं। चर्चाओं में शामिल लोग इस बात का दावा करते नहीं थक रहे हैं कि आशनाई को लेकर ही लिपिक की हत्या की गई है। चूंकि वह किसी की आशनाई में रोड़ा बन रहा था।

लिपिक की हत्या को धीरे-धीरे चार दिन का समय गुजर गया, लेकिन पुलिस अभी इस हत्या के खुलासे के नजदीक नहीं पहुंच पाई है। अंदरखाने भले ही पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन अभी मामला सिर्फ तहकीकात तक ही सीमित होकर रह गया है। जमीनी विवाद को निशाना बनाकर पुलिस तीर चलाने का काम कर रही है, जबकि संभावित आशनाई के मुद्दे पर उसका ध्यान तक नहीं गया है। लेकिन इस हत्या के खुलासे में आशनाई के बिंदु पर तहकीकात करना बहुत जरूरी है। इस संबंध में थानाध्यक्ष अतर्रा का कहना है कि हत्या के खुलासे के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More