दिल्ली पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी बेच करोड़ों की ठगी करते छह आरोपी को बिहार से बबोचा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट ने फर्जी बीमा पॉलिसी बेच कर ठगी करने वाले छह आरोपी को बिहार के बेगूसराय से गिरफ्तार किया है। गिरफ़्तार आरोपियों की पहचान बीरेंद्र कुमार दास, रोशन कुमार, दिनेश कुमार दास, बबलू मालाकार, पवन कुमार और मिथिलेश कुमार के रूप में हुई है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से अलग अलग बैंक खातों से जुड़े 6 मोबाइल फोन, 1091 बीओबी बैंक के एटीएम कार्ड, 22 फिनो बैंक के डेबिट कार्ड, बीओबी बैंक की 56 ब्लैंक पासबुक, कई खाताधारकों की 58 बीओबी बैंक की पासबुक, एक पीएनबी बैंक की पासबुक, एक एचडीएफसी बैंक की खाली पासबुक, एक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की पासबुक जप्त कर 20 बैंक खाते फ्रीज किए हैं।

आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें शिकायतकर्ता जीएस राय ने आरोप लगाया था कि कुछ अज्ञात लोगों के समूह ने बीमा पॉलिसियों को वापस पाने के बहाने 7 से 8 वर्षों की अवधि में उनसे 2.80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। बीमा पॉलिसियों में फंसा पैसा लाभार्थी के बैंक खातों के माध्यम से धन के लेन-देन की पहचान करने की जांच के दौरान पाया गया कि शिकायतकर्ता को ठगने के लिए लगभग 35 बैंक खातों को उपयोग में लिया गया था। मनी ट्रेल और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के विश्लेषण से पता चला है कि रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ है और कई स्तरों पर संचालित किया जा रहा है।

तकनीकी जांच के दौरान आरोपी व्यक्तियों को बिहार के बेगूसराय के क्षेत्र से सक्रिय पाया गया। दश जनवरी को सूचना पर कार्रवाई करते हुए बीरेंद्र, रोशन, दिनेश और बबलू को मामले में गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में इन सभी ने खुलासा किया कि पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड पवन है। पवन को धोखा दिया गया पैसा नकद में प्राप्त होगा। आखिरकार, 27 फरवरी को पवन को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, मिथिलेश नाम के एक और आरोपी को उत्तर प्रदेश के कौशांबी से गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों पैतृक गांव धबौली, बेगूसराय में बैंक ऑफ बड़ौदा का ग्राहक सेवा केंद्र चला रहे थे जहां छापेमारी कर 1091 बीओबी बैंक एटीएम कार्ड, 22 फिनो बैंक इंस्टेंट डेबिट कार्ड, बीओबी बैंक की 56 खाली पासबुक, कई खाताधारकों की 58 बीओबी बैंक पासबुक, एक पीएनबी बैंक पासबुक, एचडीएफसी बैंक की एक खाली पासबुक, एक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया सह-आरोपी रौशन कुमार की बैंक पासबुक उसके किराए के परिसर से बरामद की गई। वह इन एटीएम कार्डों का इस्तेमाल बारी-बारी से ठगे गए पैसे निकालने के लिए कर रहा था।

पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि वे पवन कुमार को कमीशन के आधार पर अपने बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। वे 2018 से बीमा पॉलिसी लाभ, ऋण लाभ के बहाने ठगी की राशि प्राप्त करने में लगे हुए हैं। उन्होंने आगे खुलासा किया कि वे आमतौर पर सिंडिकेट के अन्य सदस्यों से नहीं मिलते हैं। वे पैसे प्राप्त करने और पैसे के आगे रोटेशन के लिए फर्जी खाते खरीदते हैं। अब तक 100 से अधिक लोगों को ठग चुके हैं और 40 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। सभी आरोपियों ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। अब तक, पांच शिकायतकर्ताओं की पहचान की गई है और उन्हें कथित आरोपी व्यक्तियों और खातों से जोड़ा गया है। अन्य वित्तीय लेनदेन और अन्य पीड़ितों के संबंध में जांच जारी है।

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