नेबुआ नौरंगिया कुशीनगर: विशुनपुरा ब्लॉक के जंगल सिंघा पट्टी गांव में पीलिया से छह वर्षीय मासूम की देर रात मौत हो गई। सुबह बच्चे के शव को दफना दिया गया। इसके अलावा गांव में करीब 13 बच्चे और बड़े चिकन पॉक्स से पीड़ित हैं। लोगों का आरोप है कि गांव में करीब एक सप्ताह से चिकन पॉक्स का प्रकोप है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी झांकने तक नहीं आए।जानकारी के अनुसार जंगल सिंघा पट्टी गांव निवासी मुन्ना सिंह का पुत्र ऋषभ एक सप्ताह पहले बुखार और चिकन पॉक्स की चपेट में आ गया था। घरवालों ने अंधविश्वास में दवा नहीं कराया।
बुधवार की रात में उसकी तबीयत बिगड़ गई। ऋषभ के पिता विदेश में हैं। घरवाले ऋषभ का इलाज कराने गोरखपुर ले जा रहे थे। कसया के पास उसकी मौत हो गई।मासूम की मां गुड़िया देवी का कहना है कि पिछले नवरात्र में भी बेटा चिकन पॉक्स की चपेट में आया था। उसका इलाज गोरखपुर में कराया गया था। एक सप्ताह से वह फिर चिकन पॉक्स की चपेट में आ गया था। बेटे को खसरा का टीका लगवाया गया था।
लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी समय पर गांव आ जाते तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी। चिकन पॉक्स की चपेट में आने से मासूम की मौत की जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी और सुबह करीब 11:30 बजे सीएचसी प्रभारी डॉ. जिशान आलम टीम के साथ गांव आए। सीएचसी प्रभारी डॉ. जिशान आलम ने बताया कि सूचना पर गांव में गए थे। संक्रमितों को दवाएं दी जा रही हैं। सभी करीब एक सप्ताह से चिकन पॉक्स की चपेट में हैं। इनके घरवालों का कहना है कि माता जी का प्रकोप है। इसलिए इलाज नहीं कराया गया है। सभी पीड़ित बच्चों को खसरे का टीका समेत अन्य टीके लग चुके हैं।
Comments are closed.